राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग, कमांद,पावकी देवी, मीठीबेरी और मुनस्यारी में मनाया गया हिंदी दिवस

राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग, कमांद,पावकी देवी, मीठीबेरी और मुनस्यारी में मनाया गया हिंदी दिवस
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तीर्थ चेतना न्यूज

देवप्रयाग। राजकीय महाविद्यालय, देवप्रयाग, पावकी देवी, मीठीबेरी और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज मुनस्यारी में हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी को विश्व स्तर पर संपर्क की भाषा बनाने पर जोर दिया गया।

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, देवप्रयाग में हिंदी दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने हिंदी की संवैधानिक स्थिति, वर्तमान दशा और दिशा पर अपने विचार प्रस्तुत किए। गोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार ने की।

हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ. रंजू उनियाल ने हिंदी दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए हिंदी के महान कवियों को नमन करते हुए हिंदी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को याद किया। डॉ. गुरुप्रसाद थपलियाल ने हिंदी के वर्तमान स्वरूप पर अपने विचार प्रकट किए।

कार्यक्रम कार्यक्रम का संचालन डॉ. सृजना राणा ने किया। कार्यक्रम में डा. लीना पुण्डीर, डॉ. मनीषा सती, डॉ.शीतल, डॉ. दिनेश नेगी, डॉ. सरिता पवार, डॉ. प्रतीक गोयल, डॉ. कृष्णा मिश्रा, डॉ. प्रियंका, डॉक्टर यतिन काला, लक्ष्मण नेगी, शौकीन सजवाण, श्र मैताब सिंह, निरजेश कुमारी, अर्जुन, नरेंद्र, दिनेश बलूनी, विक्रम, सूरज, संदीप, रवि आदि उपस्थित थे।

कमांद। राजकीय महाविद्यालय कमांद में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में निबंध प्रतियोगिता , हिन्दी कविता का पाठ एवं प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।

सर्वप्रथम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ गौरी सेवक ने दीपप्रज्वलित कर राष्ट्रीय हिन्दी दिवस का शुभारंभ किया । छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि हिंदी दिवस सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित न रहे बल्कि एक भाषा के रूप में इसे विश्व गुरु की मान्यता एवं सर्वस्वीकार्यता प्रदान करने के लिए हमें भागीरथी प्रयास करना होगा।

हिन्दी की सहायक प्राध्यापक डॉ बबिता भट्ट ने छात्र/छात्रओं को संबोधित किया एवं पीपीटी के माध्यम से “हिंदी भाषा की उत्पति एवं विकास“ के बारे मे विस्तृत चर्चा प्रस्तुत की। डॉ प्रवीन मलिक असिस्टेंट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान ने भी कविता का पाठ किया।

निबंध प्रतियोगिता , कविता पाठ एवं प्रश्नोत्तरी में प्रतिभाग करने वाले छात्र/छात्राओं को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को पुरूस्कृत किया गया कविता पाठ में प्रथम ललिता, द्वितीय अंकिता तृतीय आशारूपी प्रश्नोत्तरी में-शिवानी सिनवाल प्रथम, द्वितीय शिवानी भट्ट एवं तृतीय ललिता एवं शिया।

निबंध प्रतियोगिता में -शिवानी सिनवाल, आँचल एवं अंजली पंवार क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया।
महाविद्यालय के शिक्षक डॉ दीपक राणा, डॉ प्रवीन मलिक, डॉ बबीता भट्ट ,डॉ मनोज कुमार डॉ जयहारी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम को सफल बनाने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पावकी देवी। राजकीय महाविद्यालय पावकी देवी टिहरी गढ़वाल में आज, हिन्दी विभाग के बैनर तले आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डा रेखा सिंह ने छात्र छात्राओं को हिन्दी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को, और उपयोगिता को उजागर किया। तथा महाविद्यालय को शुभ कामनाएं प्रेषित की। डा रेखा सिंह ने कहा कि हिंदी हमारे लिए, हमारे समाज के लिए तथा राष्ट्र निर्माण के लिए गौरव व हर्ष का विषय है। नई शिक्षा नीति भी हिंदी भाषा की उपयोगिता को बखूबी दर्शाता है।छात्र छात्राओं ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम जैसे, स्व रचित कविता, आशु भाषण, प्रिय कवि इत्यादि पर प्रतिभाग किया ।

प्राचार्य प्रो.छाया चर्तुवेदी ने छात्र छात्राओं को संबोधित कर हिंदी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए शुभ कामनाएं दी। एसोसिएट प्रोफेसर डा नीलू कुमारी ने छात्रों को मातृ भाषा के विषय में जानकारी दी, इस अवसर पर डा आशुतोष कुमार मिश्रा, डा ओमवीर, डा गुंजन जैन, तथा समस्त कर्मचारी व छात्र छात्राएं मौजूद रहे हैं।

मुनस्यारी। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुनस्यारी द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डा. दुर्गेश कुमार शुक्ला ने कहा कि हिंदी को व्यापक भाषा बनाने के लिए उसे रोजगारपरक भाषा बनाने की जरूरत है । साथ ही हिंदी जितना अधिक ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनेगी उतना ही इस भाषा का सार्थक विकास होगा।

हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ वंशीधर उपाध्याय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश की गुलामी से ज्यादा चिंताजनक भाषा का दूषित होना है। हिंदी भाषा का व्यापक और विश्वस्तरीय विकास हो रहा है यह हर्ष की बात है, लेकिन हिंदी भाषा दूषित हो रही है, यह चिंताजनक है। हमें खुद को और हिंदी भाषा को औपनिवेशिक मानसिकता से दूर करना होगा।

स्वागत वक्तव्य देते हुए चेतन जोशी ने कहा कि हिंदी हमारी ऐसी भाषा है जिसमें एक तिहाई आवाम अपने भावनाओं को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है। विषय प्रवर्तन करते हुए श्री पंकज पुण्डीर ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं इसके कारणों पर प्रकाश डाला, और साथ ही यह कहा कि 17 बोलियों से मिलकर बनी भाषा हिंदी आज हिंदुस्तान की सबसे बड़ी संपर्क भाषा है।

संस्कृत के प्राध्यापक डॉ संतोष पन्त ने कहा कि भारतीयता हमारी मूल है और इसे एक सूत्र में पिरोने का काम हिंदी भाषा करती है। डॉ शैलेष भंडारी ने कहा कि हिंदी हिंदुस्तान की आत्मा की भाषा है और इसका ऐतिहासिक महत्व है। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्राध्यापिका श्रीमती हेमंती बथ्याल ने किया।

उक्त अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक चंद्र प्रकाश आर्य, डॉ रिफाकत अली, अमित कुमार टम्टा, डॉ पुष्पेंद्र कुमार निश्छल, डॉ० रवि जोशी एवं समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं अनेक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

हरिद्वार। राजकीय मॉडल महाविद्यालय ,मीठीबेरी (हरिद्वार) उतराखंड में ’हिन्दी दिवस’ के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। आज के कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।

हिंदी विभाग की प्राध्यापक डॉ सुनीता बिष्ट ने इस अवसर पर हिन्दी के महत्व को समझाते हुए कहा,हिंदी एक समृद्ध भाषा है, जो सबको भावनात्मक रूप से एक डोर में बांधती है। इस अवसर पर हिन्दी विभाग में एक चार्ट प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें प्रथम स्थान पूजा, द्वितीय स्थान ईशा एवं तृतीय स्थान काजल ने प्राप्त किया।अंकिता और दिव्या को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

महाविद्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में गुलफाम, काजल, अंकिता, ईशा आदि ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ सुनील कुमार, डॉ अरविंद वर्मा, डॉ कुलदीप चौधरी, डॉ लक्ष्मी मनराल एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में शशिधर उनियाल, मोनिका रावत, कुलदीप उपस्थित रहे। छात्र-छात्राओं में ईशा,नवनीत, अरुण, पूजा, दिव्या, काजल, प्रवीण,संदीप, रुबिया,पायल,मनीषा,दीपक,सागर, सपना, नवनीत, रवित,संगीता, अर्जुन, आंचल, मिथलेश, गुरूजीत, पवन भारती,शिवानी,रूचिता , प्रिया, सुरभि, नन्द आदि छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

Tirth Chetna

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