देवभूमि उत्तराखंड की हर धार-खाल और हर गाढ-गधेरा सेल्फी प्वाइंट

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड ही हर धार-खाल, हर गाढ-गधेरा सेल्फी प्वाइंट हैं। ऐसे में बाबा केदार के द्वार को फिल्म के संदर्भ में सेल्फी प्वाइंट बनाने की एडवोकेसी सस्ती राजनीति है।
जिम्मेदार पदों पर आसीन लोग उत्तराखंड को जानने और समझने में चूक कर रहे हैं। उनके जाने-अनजाने किए जा रहे ऐसे व्यवहार से देवभूमि के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। राज्य के एक मंत्री ने केदारनाथ में एक स्व. फिल्म स्टार के नाम पर सेल्फी प्वाइंट बनाने की बात की।
देवभूमि भैरव संगठन ने इसका विरोध किया तो अब इस मामले को संभालने का प्रयास किया जा रहा है। फिल्म के हीरो के स्थान पर अब पूर्व सीडीएस विपिन रावत के नाम से सेल्फी प्वाइंट बनाने की बात कही जा रही है। कोशिश ये है कि विवाद थम जाए।
दरअसल, जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग राज्य को समझने का प्रयास ही नहीं करना चाहते हैं। राज्य को लेकर उनकी मंशा देहरादून समेत चार मैदानी जिलों तक सीमित है। देवभूमि उत्तराखंड ही हर धार-खाल, हर गाढ-गधेरे सेल्फी प्वाइंट हैं।
इन सबको प्रोजेक्ट करने की जरूरत है। मगर, राज्य गठन के 21 साल बाद भी इस दिशा में राज्य का पर्यटन विभाग कुछ नहीं कर सका। अभी भी राज्य के पर्यटन विभाग के पास अंग्रेजों के बसाए पर्यटक स्थल ही हैं। काम करने के नाम पर विभाग तीर्थाटन और पर्यटन का घालमेल भर करता है।