गौमाता को पशु मानना पाप के समानः गोपाल मणि

गौमाता को पशु मानना पाप के समानः गोपाल मणि
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ऋषिकेश। गौमाता को पशु मानना पाप के समान है। पुराणों में लिख गया है कि गावो विश्वस्य मातरः। यानि गाय विश्व की माता है। ऐसे में इसे पशु मानने वाले पाप के भागीदार हैं।

ये कहना है भारतीय गौ क्रांति मंच के प्रमुख कथा वाचक गोपाल मणि महाराज का। 21 दिसंबर से त्रिवेणी घाट पर शुरू होने वाले गौ कथा से पहले उन्होंने गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के अभियान में मीडिया का सहयोग मांगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जा रहा है। उत्तराखंड और हिमाचल विधानसभा से प्रस्ताव पारित हो चुका है। केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर गौर नहीं किया। उन्होंने गौ माता के महात्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सनातन धर्म इसके बगैर अधूरा है।

जन्म से लेकर मृत्य तक के सभी 16 कर्मों में गाय जरूरी है। इस पर गौर करने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए। गौ संरक्षण के लिए ठोस कानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय गौ क्रांति मंच के बैनर तले लगातार इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

सात नवंबर को देश के सभी जिलों धरना/प्रदर्शन किया गया। करोड़ा हस्ताक्षरयुक्त ज्ञाप देश के प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया। इसमें गो माता को राष्ट्रमाता घोषित करने, किसानों से गाय के गोबर खरीदी तय करने, नौनिहालों को संस्कारवान बनाने हेतु 10 साल तक भारतीय नस्ल की गायों का दूध निःशुल्क उपलब्ध कराने, गाय के हाइब्रिड पर अंकुश लगाने, गौरचारण भूमि चिन्हित हो।

 

Tirth Chetna

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