परमार्थ निकेतन ने महाविद्यालय को भेंट किए 10 कम्प्यूटर सेट

परमार्थ निकेतन ने महाविद्यालय को भेंट किए 10 कम्प्यूटर सेट
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अयोध्या धाम में शताब्दि कम्प्यूटर लैब का लोकार्पण’

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश ने अयोध्या स्थित निः शुल्क गुरूकुल महाविद्यालय को कम्प्यूटर के 10 सेट भेंट किए। इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने महाविद्यालय के शताब्दि कम्प्यूटर लैब का लोकार्पण किया गया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती इन दिनों अयोध्या में हैं। शनिवार को उन्होंने महंत श्री नृत्य गोपाल दास , प्रमुख मणि राम दास छावनी, अयोध्या और अध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि न्यास की दिव्य भेंटवार्ता हुई। दोनों पूज्य संतों ने धार्मिक और सामाजिक विषयों पर चर्चा की।

गुरूकुल के प्राचार्य आचार्य नागेन्द्र कुमार शास्त्री ने कहा कि पूज्य स्वामी जब भी अयोध्या धाम आते हैं उनकी विशेष कृपा दृष्टि गुरूकुल पर रही है। परमार्थ निकेतन के इस महत्वपूर्ण योगदान से गुरुकुल के विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा के साधनों से सुसज्जित कम्प्यूटर लैब प्राप्त हुई है, जिससे अब विद्यार्थी तकनीकी ज्ञान में भी निपुण हो पायेंगे।

उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी जब पहली बार आयें थे तब उन्होंने कहा था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाना है। विद्यार्थियों को शास्त्रों के अध्ययन के साथ आधुनिक ज्ञान देना भी अत्यंत आवश्यक है।

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज बहुत ही विद्वान व वैज्ञानिक थे। उन्होंने यहां पर रहकर बहुत सेवा की। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में सत्य का प्रकाश अर्थात आचरण में सत्य होता हैं तो जीवन में प्रकाश होता ही है।

जीवन में सच्चाई होेती है, अच्छाई होती है तभी जीवन में ऊँचाई प्राप्त होती है और वे सच्चाई, अच्छाई और ऊँचाई के प्रतीक थे। इस अवसर पर स्वामी ने कहा कि वेदों की आज पूरे विश्व को आवश्यकता है। अब समय आ गया कि वेद वाणी विश्व वाणी बने; वेदभाषा, विश्व भाषा बने; जन-जन की वाणी बने, लोग वेदों के ज्ञान से परिचित हो सके क्योंकि वेद वाणी, वसुधैव कुटुम्बकम् की वाणी है। स्वामी जी ने कहा कि अयोध्या ऐतिहासिक नगरी थी और अब तो भगवान श्री राम का मन्दिर बनने से पूरे विश्व में अयोध्या का कीर्तिमान व परचम लहरा रहा है।

स्वामी जी ने बताया कि गुरूकुल के पास ही भगवान श्री कृष्ण जी के मन्दिर में रहकर महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने “ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका” महान ग्रंथ की रचना की थी ताकि जनसामान्य भी वेदों के महत्व और उनके सही अर्थ को समझ सके। स्वामी जी ने कहा कि अयोध्या नगरी भगवान श्री राम चन्द्र जी की जन्मभूमि भी हैं और वेदों को पुनः जन-जन तक पहुंचाने के लिये यहां पर वेदों के मंत्रों को पत्थरों पर उल्लेखित कर एक वेद मंदिर बनाया जायेगा इसकी भी घोषणा की। स्वामी जी ने कहा कि अगर कुछ भी जानकारी चाहिये तो पूरा विश्व विकिपीडिया की ओर देखता है परन्तु जीवन की जानकारी चाहिये और जीवन कैसे जिये उसकी दिशा निर्धारित करनी हो तो वेद चाहिये इसलिये विकिपीडिया के साथ अब वैदिकपीडिया भी समाज को मिले इसके लिये भी कार्य शुरू कर दिया गया है।

योगाचार्य विमल बधावन जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी के निर्देशन व प्रेरणा से वैदिकपीड़िया के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। परम विद्वान व विनम्र दीनानाथ शास्त्री जी ने पूरा जीवन गुरूकुल के लिये लगा दिया। साथ ही गुरूकुल के ट्रष्टियों, सदस्यों व आचार्याे ने बड़े ही आस्था, श्रद्धा और सहृदयता के साथ पूज्य स्वामी जी का अभिनन्दन किया तथा वेद मन्दिर वाले प्रस्ताव के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।

श्री निःशुल्क गुरुकुल महाविद्यालय, अयोध्या धाम गुरुकुल की स्थापना स्वामी त्यागानन्द सरस्वती जी ने सन् 1925 में की थी और वे ही इसके प्रथम आचार्य थे। इस गुरुकुल में आर्ष पाठविधि सहित उत्तर प्रदेश संस्कृत बोर्ड एवं विश्वविद्यालय की सरकारी पाठविधि से शिक्षण कराया जाता है। गुरुकुल में विद्यार्थियों को पठन-पाठन के साथ व्यायाम, कर्मकाण्ड, आर्यवीर दल सेवा, राष्ट्रीय सेवा योजना, योगासन, प्राणायाम एवं संगीत की शिक्षा भी दी जाती है। पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से अब आधुनिक कम्प्यूटर शिक्षा भी प्रदान की जायेगी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्री निःशुल्क गुरुकुल महाविद्यालय, अयोध्या धाम के आचार्यों, विद्यार्थियों और विशिष्ट अतिथियों के पावन सान्निध्य में रूद्राक्ष के पौधों का रोपण कर इस मानसून में अधिक से अधिक पौधोेें के रोपण हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं उद्योगपति विपिन कुमार सिंह, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती रंजना शर्मा, प्रकाश कुमार गुप्ता, योगाचार्य विमल बधावन, आचार्य दीपक शर्मा, मोहन सिंह, सूरज शर्मा आदि अनेक सम्भ्रात नागरिकों, अध्यापकों, आचार्यों, विद्यार्थियों ने सहभाग किया।

Tirth Chetna

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