मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राजकीय शिक्षक संघ ने किया आमरण अनशन स्थगित
प्रधानाध्यापक/ प्रधानाचार्य के पदों को प्रमोशन से भरने की मांग
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद राजकीय शिक्षक संघ ने आमरण अनशन स्थगित कर दिया। संघ के ने स्कूली शिक्षा के सचिव को ज्ञापन प्रेषित कर उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 को निरस्त करने की मांग की है।
उल्लेखनीय नहीं है प्रधानाचार्य सीमित विभागीय भर्ती परीक्षा के विरोध मंे राजकीय शिक्षक संघ दो सितंबर से आंदोलनरत है। 14 सितंबर से इसके तहत तीन शिक्षक आमरण अनशन पर हैं। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी सीधी अनशन स्थल पर पहुंचे और शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन दिया।
देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलन का संज्ञान लिया और अपने प्रतिनिधि को अनशन स्थल पर भेजा। प्रतिनिधि ने सीएम का संदेश राजकीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों तक पहुंचाया और अनशन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए वार्ता का न्योता दिया।
इस पर विचार करने के बाद आखिरकार राजकीय शिक्षक संघ ने आमरण अनशन स्थगित कर दिया। अनशन पर बैठक शिक्षकों को प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान और अन्य पदाधिकारियों ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। इस मौके पर संघ ने स्कूली शिक्षा शिक्षा सचिव का ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा कि प्रधानाचार्य सीमित विभागीय भर्ती परीक्षा से 95 प्रतिशत शिक्षकों के हित प्रभावित हो रहे हैं।
मांग की गई कि उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 को तत्काल निरस्त कर प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों को शत प्रतिशत प्रमोशन से भरा जाए। ज्ञापन में मांग की गई है उक्त नियमावली को निरस्त करने का प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जाए।
साथ ही एलटी से प्रवक्ता, एलटी/ प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पद पर प्रमोशन की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। ऐसा न होने पर राजकीय शिक्षक से फिर से आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगा।