फिजी में प्रस्तावित विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेंगी डॉ. कविता भट्ट शैलपुत्री
तीर्थ चेतना न्यूज
श्रीनगर (गढ़वाल)। 15- 17 सितंबर को फिजी में प्रस्तावित विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा भेजे जा रहे प्रतिनिधि मंडल में में प्रख्यात लेखिका डॉ. कविता भट्ट शैलपुत्री भी शामिल हैं।
विश्व हिन्दी सम्मेलन इस वर्ष फिजी में 15 से 17 फरवरी, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में भारत सहित विश्व भर के प्रबुद्ध लेखक, साहित्यकार भाषाविद् और शिक्षाविद् प्रतिभाग करेंगे। इसी क्रम में सम्मेलन के लिए भारत सरकार द्वारा फीजी भेजे जा रहे प्रतिनिधि मंडल में हिन्दी के प्रचार प्रसार को समर्पित लेखक, हिन्दीसेवी, साहित्यकार, कुलपति, संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी आदि सम्मिलित होंगे।
इस सरकारी प्रतिनिधि मंडल में भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड से डॉ कविता भट्ट ’शैलपुत्री’ को सम्मिलित किए गया है। फीजी में प्रतिनिधित्व करते हुए वे ’भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी’ विषय पर वक्तव्य देंगी। प्रतिनिधिमंडल में डा. कविता भटट शैलपुत्री को शामिल किए जाने पर राज्य के साहित्यकारों में खुशी का माहौल है।
लगभग 25 वर्षों से निरंतर लेखन को समर्पित डॉ. कविता भट्ट ’ शैलपुत्री ’ की 24 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।एक ख्यातिलब्ध लेखिका के रूप में डॉ कविता भट्ट भारतीय संस्कृति, परंपराओं, दर्शन, योग और साहित्य की विभिन्न विधाओं द्वारा हिंदी भाषा के माध्यम से लाखों पाठकों तक पहुंचा चुकी है। इनकी कुछ पुस्तकें कुछ विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित और पुरस्कृत भी हो चुकी हैं।
डॉ कविता भट्ट पूर्व में ही साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश से अखिल भारतीय स्तर पर पंडित रामचंद्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार से पुरस्कृत और कैनेडा से हिंदी चेतना सृजन सम्मान तथा लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र से लोकनायक जे पी अवार्ड इत्यादि से सम्मानित हो चुकी हैं।
विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद में कार्यक्रम परामर्श समिति में वर्ष 2020 में नामित डॉ. कविता भट्ट वैश्विक ई पत्रिका नीलाम्बरा की संपादक और विज्ञान प्रसार के लिए हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित शोध जिज्ञासा की सह संपादक हैं। साथ ही कनाडा की हिन्दी चेतना अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में परामर्शदाता के रूप में विगत कई वर्षों से कार्यरत हैं।
यू ए ई, यूनाइटेड किंगडम, नेपाल सहित, भारतीय उच्चायोग मॉरिशस और अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदी सचिवालय इत्यादि सहित अनेक वैदेशिक पटलों के साथ ही भारत सरकार के अनेक मंत्रालयों, साहित्य अकादमियों, दूरदर्शन तथा आकाशवाणी प्रसार भारती द्वारा डॉ भट्ट निरंतर ऑनलाइन ऑफलाइन व्याख्यान, वक्तव्य, वार्ताओं, रूपकों, कविताओं तथा परिचर्चाओं हेतु विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित की जाती रही हैं।
अनेक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में अनेक विधाओं डॉ कविता की सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित हैं।भारतीय साहित्यकोश कविताकोश तथा गद्यकोश पर ऑनलाइन हजारों पाठकों द्वारा पढ़ी जाती हैं। संपादन और अनुवाद में डॉ भट्ट ने हिंदी से गढ़वाली भाषा में अनुवाद हेतु वैश्विक स्तर पर कार्य किया। साथ ही
डॉ कविता भट्ट की रचनाएँ संस्कृत, अंग्रेजी, गुजराती, हरियाणवी, मराठी, उड़िया तथा बांग्ला इत्यादि अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। प्रसिद्ध संगीतकार पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के संगीत से सजी डॉ भट्ट की रचनाओं का कथक मंचन सुप्रतिष्ठित मराठी कत्थक नृत्यांगना उर्वि प्राजक्ता सुकी द्वारा किया गया है।