डीएवी पीजी कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय से असंबद्ध करने पर हाईकोर्ट की रोक

डीएवी पीजी कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय से असंबद्ध करने पर हाईकोर्ट की रोक
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तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर की कार्य परिषद के डीएवी पीजी कॉलेज को असंबद्ध करने के निर्णय पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। कोर्ट ने असंबद्धता के निर्णय पर कड़ी टिप्पणी की है।

डीएवी पीजी कॉलेज द्वारा दाया याचिका पर सुनवाई करते हुए विद्धान न्याधीश मनोज कुमार तिवारी और पंकज पुरोहित की पीठ ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर की कार्य परिषद के डीएवी पीजी कॉलेज को असंबद्ध करने के निर्णय पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। कोर्ट के निर्णय के बाद अब डीएवी पीजी कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया विश्वविद्यालय के दिशा निर्देशों के तहत होगी।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 की धारा 4 एफ के प्रावधानों के अंतर्गत सम्मिलित राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों को राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग तथा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के निर्देशां के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्तर पर असंबद्धता का निर्णय नहीं लिया जा सकता है।

खास बात ये है कि ऐसे मामले में कोर्ट पूर्व में भी असंबद्धता के आदेशों को रदद कर चुका है। डीएवी की ओर से विद्धान अधिवक्ता शोभित सहारिया ने पैरवी की।

इस निर्णय पर दयानंद शिक्षा संसथान के सचिव मानवेंद्र स्वरूप ने बताया कि देहरादून का अग्रणी कॉलेज डीएवी पीजी कॉलेज में नियमानुसार प्रवेश परीक्षा तथा संबंधित शिक्षा कार्यों का संचालन मानकों का पालन होता है। साथ ही कहा कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जारी शासनादेशों तथ गजट अधिसूचनाओं के अनुपालन की जीत बताया।

कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. केआर जैन कोर्ट के इस निर्णय को छात्र/छात्राओं और कॉलेज के हित में बताया। बताया कि इस निर्णय के बाद स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के इच्छुक छात्र/छात्राओं को राहत मिलेगी। कॉलेज ने भी प्रवेश संबंधित प्रक्रिया शुरू करने की तैयारियों कर ली हैं। इस मौके पर प्रो. एचएस रंधावा, डा. एमएमएस जस्सल, प्रो. सुनील कुमार, प्रो. प्रशांत कुमार, मेजर अतुल सिंह, डा. सत्यव्रत त्यागी, डा. रवि दीक्षित, डा. विवेक त्रूागी आदि मौजूद थे।

Tirth Chetna

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