यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे अपने गांव
यमकेश्वर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित अपने गांव पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिध्याणी में ब्रह्मालीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की मूर्ति का अनावरण किया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी की प्रेरणा से ही यहां महाविद्यालय की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि ग्राम कांडी में ही महंत अवैद्यनाथ जी का जन्म हुआ था किंतु ज्यादा समय तक नहीं रुक सके थे। कहा कि वे यहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछते रहते थे।
मैंने उन्हें अवगत कराया था कि यहां कोई डिग्री कॉलेज नहीं है, यहां के निवासियों ने समिति बनाकर कॉलेज के लिए जमीन दी और यहां कुछ कक्षाओं का प्रारंभ हो सका था। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रुप से गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि पूज्य गुरु जी को उनकी जन्मभूमि पर सम्मान दे पा रहा हूं।
कहा कि मेरे लिए गौरव की बात है कि मैं अपने स्कूली गुरुजनों का सम्मान कर पा रहा हूं। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड में सबसे बड़ी समस्या पलायन है। यहां अच्छी शिक्षा अच्छा माहौल सौंदर्य और संभावनाएं हैं स उत्तराखंड का युवा जहां भी जाता है अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाता है।
कहा कि देश 2014 के बाद नए उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा हैस कोरोना में बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है लेकिन भारत का सबसे बढ़िया प्रबंधन पूरे विश्व में सराहा गया, पहले महामारी में मौतें बीमारी से ज्यादा भुखमरी से होती थी लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश बदल चुका है,सरकार संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश को बचाना है तो उत्तराखंड के पलायन को रोकना होगा क्योंकि उत्तराखंड देश की उत्तरी सीमा है। वृक्षारोपण, जल संरक्षण को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखंड मे आध्यात्मिक पर्यटन को इको पर्यटन से जोड़ना होगास योगी जी ने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा लेकिन इसके लिए पलायन को रोकना पड़ेगा जहां अन्य राज्यों में अव्यवस्था फैली है वही उत्तर प्रदेश में कहीं कोई उपद्रव नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश में व्यक्तिगत आस्था पर कोई प्रतिबंध नहीं है किंतु उससे किसी अन्य को असुविधा नहीं होनी चाहिए। कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है, जन भावना के साथ आस्था के नाम पर खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। कहा कि हमने उत्तर प्रदेश से लगभग एक लाख अनावश्यक माइक हटवाए हैं और कहीं कोई विवाद नहीं है। योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की 21 वर्षों से जकड़ी समस्या का समाधान अंतिम चरण पर है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ करिश्माई व्यक्तित्व है। योगी जी जन्म भूमि में लंबे वक्त बाद आए है। उन्होंने कहा कि महंत अवैद्यनाथ जी का संबंध हिंदू धर्म, भाई चारे को मजबूत करने व जो पीछे छूट गए हैं उन्हें मुख्य धारा में लाने का रहा है।
उनका राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कहा कि पहले अयोध्या में भगवान राम टेंट में थे वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार बनने के बाद वहाँ भव्य मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कहा कि मोदी-योगी के नेतृत्व में अयोध्या भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ मार्ग भव्य हुआ है जिससे लोगों को जल चढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। मोदी जी ने कहा है कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। उत्तराखंड में आजादी के बाद जितने पर्यटक चार धाम की यात्रा पर आए हैं इन 10 सालों में सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा मार्गों पर होटल, परिवहन व यात्रा से जुड़े लोगों से जानकारी मिली है कि आने वाले 2 माह के लिए सारे होटलों की बुकिंग फुल हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योगी जी का जन्म उत्तराखंड में हुआ है किंतु वे अब पूरे देश की धरोहर बन चुके हैं।
कहा कि 21 सालों से उत्तराखंड-यूपी का परिसंपत्तियों के बंटवारे से संबंधित मामले का मात्र 20 मिनट की बैठक में ही हल निकल गया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विद्यालय में विज्ञान की कक्षाएं चलाई जाएंगी, साथ ही जो भी अन्य संसाधनों की आवश्यकता होगी उसे पूरा किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने गुरुजनों राजेंद्र सिंह रावत, राजेंद्र सिंह भंडारी, महिमानंद बड़थ्वाल, सत्य प्रसाद बड़थ्वाल को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक रेणु बिष्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।