दो दर्जन सीटों ने बढ़ाई भाजपा की उलझनें
देहरादून। कई दौर की माथापच्ची के बाद भी भाजपा में दो दर्जन विधानसभा सीटों का मसला नहीं सुलझ सका है। इन सीटों को लेकर लगातार पार्टी की उलझनें बढ़ रही हैं। साथ ही दावेदारों की ब्याकुलता भी बढ़ रही है।
समझा जा रहा था कि भाजपा 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए 59 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन एक झटके में कर देगी। वजह 2017 में पार्टी को 57 सीटें मिली थी। दो निर्दलीय भी अपनी विधायकी समेत भाजपा में समा चुके हैं। बावजूद इसके पार्टी प्रत्याशियों के ऐलान वेट एंड वाच की स्थिति में है।
तमाम सर्वे में कई सिटिंग विधायकों की परफारमेंस अच्छी नहीं पाई गई। परिणाम पार्टी ने टिकट काटने की बात प्रचारित की। कई सिटिंग विधायकों की ओर इशारे भी किए गए कि उन्हें टिकट नहीं मिल रहा है।
इतना होमवर्क करने के बावजूद भाजपा लास्ट मूवमेंट में दो दर्जन सीटों पर उलझ रही है। देहरादून और दिल्ली में कई दौर की माथापच्ची के बाद भी उलझने कम होने का नाम नहीं ले रही है। सवाल उठ रहा है कि जिन विधायकों का पार्टी पत्ता काटना चाहती है उनके विकल्पों पर भरोसा नहीं है या बात कुछ और है। इसको लेकर पार्टी के भीतर से ही जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं।