शिक्षकों के प्रमोशन का मामला : देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए

देहरादून। राज्य के सरकारी विभागों में बह रही प्रमोशन की बयार के बीच स्कूली और उच्च शिक्षा के शिक्षक प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं। चुनावी बेला पर भी शिक्षकों के प्रमोशन की फाइल की कछुआ गति पर फिल्मी गीत देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए जैसा अहसास हो रहा है।
दरअसल, अब कभी तक विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान हो सकता है। इसके बाद पूरा सिस्टम एक तरह से चुनाव आयोग की मॉनिटरिंग में आ जाता है। जाहिर है कि कार्मिकों के प्रमोशन की फाइल भी थम जाएगी।
ऐसे में शासन के निर्देशों के तहत वभाग कार्मिकों के प्रमोशन के प्रकरणों का जल्द निस्तारण कर रहे हैं। स्कूली शिक्षा विभाग में गत एक साल में औसतन हर तीसरे माह बंपर प्रमोशन हो रहे हैं। बस शिक्षकों के प्रमोशन की फाइल आगे नहीं खिसक पा रही है।
स्कूली शिक्षा में प्रमोशन तो दूर एलटी से प्रवक्ता पद पर मिलने वाले विषयगत लाभ भी लटका हुआ है। इसकी फाइल भी अभी आयोग तक नहीं पहुंच सकी है। एलटी और प्रवक्ता के पहले प्रमोशन का पद हाई स्कूल के हेडमास्टर के रिक्त पदों को भरने को शुरू हुई प्रक्रिया में गति नहीं दिख रही है। ऐसा ही कुछ उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों के साथ भी हो रहा है।
बहरहाल, राज्य अब चुनाव आचार संहिता की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में शिक्षकों के प्रमोशन के बारे में तो यही कहा जा सकता है कि देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए।