जय हो उत्तराखंड के शिक्षकों की
देहरादून। राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की जय हो। शिक्षकों प्रेरणा के बूते राज्य के दर्जा आठ और दर्जा 10 के छात्रों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से अच्छा रहा।
दर्जा आठ तक फेल करने की मनाही यानि नो डिटेंशन, स्कूलों में पढ़ाने से इत्तर काम की अधिककता के बावजूद राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्र/छात्राओं का सीखने/पढ़ने में सुधार हो रहा है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की ताजा रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।
ये सब संभव हुआ है शिक्षकों की प्रेरणा और मेहनत से। इस बात को समाज तक पहुंचाने की जरूरत है। ताकि बाजारी शिक्षा को लेकर समाज में व्याप्त बावलापन थोड़ा कम हो। समाज में सरकारी स्कूलों को लेकर बनीं मन स्थिति बदले।
बहरहाल, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण दर्जा आठ और दर्जा 10 के छात्र/छात्राओं का प्रदर्शन तो राष्ट्रीय औसत से अधिक रहा। तीसरी और पांचवीं का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसम से कम रहा। हो रहे सुधार से उम्मीद की जा सकती है कि तीन वर्ष बाद फिर होने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में इसमें भी अच्छा सुधार होगा।
बस सरकार और विभाग स्कूलों की बेहतरी के लिए ठोस प्रयास करें। शिक्षक सिर्फ और सिर्फ पढ़ाने के लिए हों, प्रेरित करने के लिए हों। नो डिटेंशन पॉलिसी समाप्त हो। इत्तर कार्यों से शिक्षकों को मुक्त रखा जाए। शिक्षकों को सरकार फरमानों से हांकने के बजाए नैतिकता से हांका जाए।