उपेक्षित रहे गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज वेदीखाल को संवार रहे प्रिंसिपल प्रो. डीपी भट्ठ
एक प्रिंसिपल ऐसा भी
उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां 80 प्रतिशत से अधिक गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेजों में प्रिंसिपल तैनात हैं। वहीं उन राज्यों में भी शामिल है जहां स्कूली शिक्षा में 80 प्रतिशत स्कूल बगैर प्रिंसिपल के हैं। स्कूल/कॉलेजों में कुछ प्रिंसिपल ने बेहतर काम, कुशल नेतृत्व से कॉलेज की तस्वीर बदल दी। ऐसे कॉलेजों और लीड कर रहे प्रिंसिपलों को हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com का सलाम।
आज से हम ऐसे स्कूल/ कॉलेजों के प्रिंसिपल पर एक प्रिंसिपल ऐसा भी नाम से साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित कर रहे हैं। ये कॉलेज हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com के साथ ही रविवार को प्रकाशित होने वाले हिन्दी सप्ताहिक तीर्थ चेतना में भी प्रकाशित किया जाएगा।
पौड़ी। स्थापना के बाद से विभिन्न वजहों से उपेक्षित रहे गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, वेदीखाल के लिए प्रिंसिपल प्रो. डीपी भट्ठ किसी भगीरथ से कम नहीं हैं। उन्होंने दो सालों में विकास के नाम पर जड़ हो चुके इस कॉलेज में जान भर दी।
42 वर्ष पूर्व 1979 में अस्तित्व में आए गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, वेदीखाल राजनीतिक पैरवी के अभाव और व्यवस्थागत उपेक्षा से त्रस्त रहा है। एक दिन में 20 डिग्री कॉलेज खोलने का रिकॉर्ड बनाने वाले उत्तराखंड में भी इस कॉलेज पर सत्ताधीशों की नजरें इनायत नहीं हुई।
परिणाम डिग्री कॉलेज 1979 में कला संकाय के जिन छह विषयों के साथ शुरू हुआ था गत वर्ष तक वहीं था। 2012 से 2019 तक कॉलेज बगैर प्रिंसिपल के भी रहा। ऐसे में व्यवस्थाएं कैसी रही होंगी समझा और महसूस किया जा सकता है।
12 मार्च 2019 को भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक रहे प्रो. डीपी भट्ठ ने यहां प्रिंसिपल के रूप में ज्वाइन किया। ऑटोनोमस कॉलेज, ऋषिकेश में परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी निभा चुके प्रो. भट्ठ के पास बड़े फलक पर काम करने का अनुभव था। मगर, वेदीखाल कॉलेज में शुरूआत कहां से करें इसको लेकर कुछ दिन ऊहापोह की स्थिति भी रही।
ऐसे में प्रिंसिपल प्रो. भट्ठ ने लक्ष्य तय किया और आगे बढ़ गए। शिक्षा की गुणवत्ता, नियमित अध्यापन एवं अनुशासन को प्रथिमिकता दी। टीम वर्क बनाया। कॉलेज को आगे बढ़ाने के लिए पत्राचार शुरू किया। कॉलेज को लाइव करने के लिए तमाम पाठयक्रम से इत्तर शैक्षणिक गतिविधियां शुरू कराई।
कुछ ही माह में परिवर्तन दिखने लगा। स्थानीय लोग कॉलेज के बारे में जानने को उत्सुक हुए और कॉलेज बेहतरी की राह पर आगे बढ़ निकला। उत्तराखंड मुक्त विश्व विद्यालय के अध्ययन केंद्र की स्थापना हुई। यहां 500से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं।
विज्ञान संकाय में स्नातक की कक्षाएं शुरू हो गई। कॉलेज की वार्षिक पत्रिका “ आरम्भ“का विमोचन, एनएसएस की इकाई की शुरुआत की। इस वर्ष से छात्रों की सुविधा के लिए मोबाइल फ्रेंडली ऑनलाइन एडमिशन की शुरुवात की गई है। स्वयं में बेहद अनुशासित प्रो. भट्ठ ने कॉलेज में ड्रेस कोड लागू कराया। प्रार्थना सभा में आना अनिवार्य किया।
प्रिंसिपल प्रो. डीपी भट्ठ के इन छोटी-छोटी शुरूआत से कॉलेज बेहतरी की राह पर अग्रसर हो गया है। बातचीत में प्रिंसिपल भट्ठ बताते हैं कि कॉलेज जरूर 42 वर्ष पूर्व स्थापित हुआ है। मगर, बेहतरी की शुरूआत नए सिरे से शुरू करनी पड़ी है। कहा कि लोगों का साथ मिल रहा है। अच्छा टीम वर्क है। कॉलेज धीरे-धीरे ही सही आगे बढ़ रहा है।