प्रिंसिपल के पद पर प्रयोग की गुंजाइश नहींः प्रधानाचार्य एसोसिएशन

प्रिंसिपल के पद पर प्रयोग की गुंजाइश नहींः प्रधानाचार्य एसोसिएशन
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प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने कही दो टूक

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। हाई स्कूल का हेड मास्टर और इंटर कॉलेज का प्रिंसिपल पद सत प्रतिशत प्रमोशन का पद है। इसमें किसी भी प्रकार की प्रयोग की कोई गुंजाइश नहीं है। सीधी भर्ती जैसा प्रयोग पर प्रभावित कोर्ट की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे।

प्रधानाचार्य एसोसिएशन ने इंटर कालेज में प्रिंसिपल के रिक्त 50 प्रतिशत पदों को विभागीय भर्ती से भरने की सरकार की मंशा पर शिक्षा विभाग को अपनी बात दो टूक और तथ्यों के साथ प्रस्तुत कर दी। एसोसिएशन स्पष्ट किया कि हाई स्कूल का हेड मास्टर और इंटर कॉलेज का प्रिंसिपल पद सत प्रतिशत प्रमोशन का पद है। इसमें किसी भी प्रकार की प्रयोग की कोई गुंजाइश नहीं है।

एसोसिएशन ने पूर्व में व्यवस्था से संबंधित शासनादेशों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानाचार्य के पदों पर प्रधानाध्यापक से शत-प्रतिशत पदोन्नति का प्रावधान है और शैक्षिक सवंर्ग को प्रधानाचार्य से ऊपर के उच्च वेतनमान में कोई पदोन्नति का अवसर नही दिया गया है।

एसोसिएशन की राय है कि दिये गये नियमावली में यदि 100 प्रतिशत प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य पर पदोन्नति की व्यवस्था है तो इसे नियमानुसार यथावत रखा जाय। इस लिए राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन 50 प्रतिशत सीधी भर्ती का पूरजोर विरोध करता है और इसे अस्वीकार करता है। यदि शासन/विभाग 50 प्रतिशत सीधी भर्ती करता है तो इससे 25-30 वर्षों से सेवा करने वाले प्रधानाध्यापकों के साथ न्याय नही होगा और वह प्रधानाध्यापकों के पदों से ही सेवानिवृत्त हो जायेंगे। शासन और विभाग द्वारा छात्र हित में यदि 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से प्रधानाचार्य के रिक्त पदों को भरे जाने की मंसा है तो हेड मास्टर पद पर शिथिलता देकर ऐसा किया जा सकता है।

स्पष्ट किया कि 100 प्रतिशत प्रमोशन की मांग पर गौर न होने की स्थिति में एसोसिएशन बाध्य होकर दिनांक 05 एवं 06 अक्टूबर 2022 को निदेशाल के प्रांगण में सायं 04ः00 बजे से 05 बजे तक सांकेतिक धरना प्रदर्शन करेगा। महोदय यदि शासन व विभाग सेवा समूहों के हितों की अनदेखी करता है तो एसोसिएशन माननीय उच्च न्यायालय में जाने के लिए बाध्य बाध्य हो जायेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी।

एसोसिएशन ने शासन से मांग की कि शैक्षिक नियमावली 2006 में प्रधानाध्यापकों से प्रधानाचार्य में पदोन्नति हेतु अनिवार्य मौलिक सेवायें 05 वर्ष के स्थान पर 01 वर्ष रखी जाय। ताकि प्रधानाचार्य के रिक्त पद भरे जा सकें। प्रधानाचार्य के 500 से भी अधिक पद रिक्त है, के संदर्भ में निवेदन है कि पदोन्नति होने के पूर्व छात्र हित में डी0जी0पी0 पदोन्नति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय और उक्त व्यवस्था में डी0जी0पी0 पर जाने वाले प्रधानाध्यापकों को उनके इच्छिक स्थान पर ही काउंसिलिंग के माध्यम से विद्यालय आवंटित किये जाय।

 

Tirth Chetna

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