जीआईसी घोड़ाखुरी के ईको क्लब ने तितली गार्डन का निर्माण किया
गार्डन को और बेहतर बनाने और संरक्षण का लिया संकल्प
तीर्थ चेतना न्यूज
नैनबाग। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज घोड़ाखुरी में इको क्लब द्वारा तितली गार्डन का निर्माण किया गया। इस मौके पर गार्डन को और बेहतर बनाने और संकरक्षण का संकल्प लिया गया।
तितलियों का संसार प्रकृति की अनमोल देन है। सितंबर के माह में प्रकृति के चारों ओर रंग बिरंगी तितलियां दिखती हैं और लोगों को खास संदेश देती है। यही वजह है कि सितंबर का महीना बटरफ्लाई मंथ के नाम से जाना जाता है। इसी के मददेनजर अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज घोड़ाखुरी में इको क्लब द्वारा तितली गार्डन का निर्माण किया
बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रकृति प्रेमी श्रीमती वृंदा बजाज तथा भद्री गार्ड रेंजर मेधावी कीर्ति के सौजन्य व सहयोग से इस तितलीगार्डन को बनाया गया। इस गार्डन को बनाने के लिए बेकार पड़े टायर, टिन कनस्तर, प्लास्टिक कैन व प्लास्टिक धब्बों को पेंट करके फ्लावर पॉट तैयार किए गए।
प्रकृति प्रेमी श्रीमती वृंदा बजाज द्वारा सभी बच्चों को तितली के बारे में बताया गया ,किस प्रकार एक फूल से दूसरे फूल में तितली उड़ती है और उनका रस चुस्ती है, तथा पौधे के पत्ती को खाकर जीवित रहती है ,मादा तितली अपने अंडे नींबू अथवा खट्टे फलों के पौधे के पत्ती के निचले सतह पर देती है, अंडे से कैटरपिलर निकलता है जो पौधे की पत्ती को खाकर बड़ा होता है, और फिर अपने चारों ओर खोल बना लेता है जिसे प्यूपा कहते हैं ,और फिर प्यूपा से कुछ समय बाद तितली निकलती है ।
वृंदा बजाज द्वारा बच्चों को बताया गया कि किस प्रकार के आवास में तितली रहती है, वह किस प्रकार का भोजन लेती है ,व तितली के संपूर्ण जीवन काल में कौन-कौन से चरण होते हैं, साथ ही वह अपने को आंधी व तूफान से बचाने के लिए किस पौधे में शरण लेती है ।इस अवसर पर तितली गार्डन में आवश्यक पौधे जैसे लेमन ग्रास रिंगटोन तुलसी नींबू कड़ी पत्ता पत्थरचट्टा पुदीना आदि लगाए गए,, उनके द्वारा विद्यालय परिसर में घूमते हुए अलग-अलग प्रकार की तितलियों के बारे में बच्चों को समझाया वह दिखाया गया ।
इस अवसर पर रेंजर मेधावी कीर्ति द्वारा बच्चों को बताया गया कि किस तरह तितली पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इस अवसर पर फॉरेस्टर श्री पंकज देवली तथा फॉरेस्ट गार्ड गौतम छेत्री द्वारा विद्यालय में उपलब्ध पौधे के प्रत्येक प्रजाति व उपयोगिता के संबंध में जानकारी दी गई ।
प्रधानाचार्य प्रशांत बिष्ट द्वारा प्रकृति में उपस्थित प्रत्येक घटक के संरक्षण के लिए छात्र छात्राओं को प्रेरित किया गया। श्रीमती रश्मि परमार, लोकेंद्र सिंह रावत व मोहम्मद नासिर तथा \महावीर द्वारा गार्डन के निर्माण में अपना पूर्ण रूप से सहयोग किया गया।