नेता जी से पूछ रहे हैं लोग क्या हुआ बीन नदी पर पुल का
यमकेश्वर। एक और पांच साल पूरे हो गए। मगर, बीन नदी पर मोटर पुल नहीं बन सका। पुल की मांग करते-करते और इसके लिए वोट देते-देते क्षेत्र के लोग अब थक चुके हैं।इस गुस्से का असर इस बार के चुनाव में जरूर दिखेगा।
दो माह बाद उत्तराखंड में पांचवी विधानसभा अस्तित्व में आ जाएगी। पांचवीं विधानसभा का हिस्सा बनने के लिए नेता विभिन्न क्षेत्रों में जनता से वादा कर आशीर्वाद मांग रहे हैं। ऐसा ही कुछ यमकेश्वर विधानसभा में भी हो रहा है।
संयोग है कि पिछली चार विधानसभा चुनाव में यहां एक दल के प्रत्याशी को ही आशीर्वाद मिला। बीन नदी पर पुल बनें इसके लिए लोग एकतरफा वोट करते रहे। हर चुनाव में इस मुददे पर विधायक जी ने खुद के लिए भी वोट लिए और सांसद जी ने भी। मगर, बीन नदी पर पुल का वादा पूरा नहीं हो सका।
लोगों में इसको लेकर खासी नाराजगी है। पुल को लेकर हर चुनाव से कुछ दिन पूर्व जनप्रतिनिधियों द्वारा दिखाई जाने वाली गंभीतर अब लोगों का मुंह चिढ़ा रही है। इस नाराजगी को अब लोग सार्वजनिक तौर पर व्यक्त कर रहे हैं। पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों नहीं बन रहा बीन नदी पर पुल।
गंगा के कटाव से पूरे क्षेत्र को खतरा पैदा हो गया। कौड़िया-किमसार मोटर मार्ग के पक्कीकरण, बीन नदी पर पुल और बाढ़ सुरक्षा की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने आंदोलन किया। अनशन भी हुआ। मगर, हुआ कुछ नहीं। आश्वासन मिला और चुनाव में वोट लिए गए।
कौड़िया-किमसार मोटर मार्ग और बीन नदी पर पुल बनने से विधानसभा के 82 गांव को लाभ मिलता। मगर, धरातल पर कुछ नहीं हुआ। लोग का भरोसा हर स्तर पर टूट गया है।
मंगल दल के अध्यक्ष संदीप रणाकोटी मानते हैं कि अब लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है। ग्रामीणों को पुल के नाम पर ठगा जा रहा है। अब बहुत हो चुका है।