नेता मांगे फील गुड वाली सूचना
देहरादून। 10 मार्च के इंतजार के बीच प्रत्याशी फीड गुड वाली सूचना के तलबगार हैं। ऐसी तलब के दीदार पहली बार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी ही नहीं दिग्गज नेता भी हैं।
मतदान और मतगणना के बीच 23 दिन का समय नेताओं पर भारी पड़ रहा है। ये वास्तव में मुश्किल है। चुनाव आयोग को इस पर गौर करना चाहिए। बहरहाल, इंतजार में नेताओं के रात और दिन काटे नहीं कट रहे हैं।
हर दिन तीन दिन से कम नहीं लग रहा है। नेता ही नहीं खास समर्थकों का भी यही हाल है। सिस्टम पर भी इसका कहीं न कहीं असर दिख रहा है। चुनाव अब प्रभावित नहीं हो सकता। मगर, आचार संहिता अभी भी लागू है। जाहिर है इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है।
बहरहाल चुनाव क्षेत्रों से आ रही सूचनाएं नेताओं का टेंशन बढ़ा और घटा रही हैं। सूचनाओं को क्रास चेक करने के चक्कर में नेताओं और उनके समर्थकों का टेंशन और बढ़ रहा है। परिणाम चेहरों पर मुश्किलें साफ-साफ दिख रही हैं।
मतदान से पहले और एक-दो दिन बाद तक बड़े-बड़े दावे करने वाली समर्थकों की भीड़ अब आस-पास नहीं है। ऐसे में नेताओं के दिन अपने खास समर्थकों के बीच ही गुजर रहे हैं।
बीच-बीच में आ रही सूचनाओं को ऐनालाइज किया जा रहा है। सूचना देने वाले की गंभीरता की परीक्षा भी हो रही है। सूचनाओं को ऐनालाइज करते-करते हुए नेता और उनके खास समर्थक थकने भी लगे हैं। अधिकांश सूचनाएं टेंशन बढ़ा रही हैं।
ऐसे में अब नेता फील गुड कराने वाली सूचना ही चाह रहे हैं। समर्थक इसका भी इंतजाम कर रहे हैं। फील गुड वाली सूचनाएं अच्छा माहौल बना रही हैं। नतीजे से पहले होने वाली उमड़-घुमड़ से कुछ समय के लिए ही सही राहत मिल रही है।