अत्यधिक रसायनों के उपयोग से खेती की प्राकृतिक उर्वरकता संकट में
गवर्नमेंट पीजी कॉलेज गोपेश्वर में तीन दिवसीय जैविक कृषि कार्यशाला
तीर्थ चेतना न्यूज
गोपेश्वर। अत्यधिक रसायनों के उपयोग से खेती की प्राकृतिक उर्वरकता संकट में है। इसका कई तरह से असर दिखने लगा है। जैविक खेती के माध्यम बिगड़ रहे संतुलन को सुधारा जा सकता है।
ये कहना है वक्ताओं का। मौका था गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, गोपेश्वर में मुख्यमंत्री नवाचार योजना के अन्तर्गत तीन दिवसीय जैविक कृषि कार्यशाला का। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड पुलिस के महानिरीक्षक एवं जैविक कृषक पी एस रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूरिया व पेस्टीसाइड के प्रयोग से हमने खेती के सन्तुलन को बिगाड़ दिया है। हम अपने पारम्परिक विधियों से खेती को स्वस्थ एवं सन्तुलित कर सकते हैं, जब खेती जैविक होगी तो हम स्वस्थ रहेंगे।
विशिष्ट अतिथि वैद्य प्रदीप भण्डारी ने कहा कि भारत यदि अपनी शक्ति को समझे तो हम पूरी दुनिया का कल्याण कर सकते हैं। हमें परिश्रम करना है और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए, निश्चित तौर पर हमें सफलता मिलेगी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. जोगेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय नश्ल की देशी गाय के दूध में जो गुण है वह दुनिया के किसी भी गाय में नहीं है। जैविक आहार से व्यक्ति स्वस्थ होकर शतायु होंगे।
कार्यशाला की सहयोगी संस्था पहाड़ी फ़ूड प्रोडक्शन के प्रबंध निदेशक राकेश गैरोला ने बताया कि हमारे प्राचीन ऋषि महर्षियों ने जो पंथ बताया था उसी पंथ पर आखिरकार सुख समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं।
जड़ी बूटी शोध संस्थान मण्डल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सी. पी. कुनियाल ने कहा कि खराब जीवन शैली के कारण आज विश्वभर में लोग अत्यधिक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, जिसको हम जैविक कृषि उत्पादों से ठीक कर सकते हैं।
जैविक कृषक मनोज हटवाल ने कुनाल जल के बारे में बताया जो गौ मूत्र और गुड़ से तैयार किया जाता है।कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो आरके गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि हम अपने समाज को अपने पारम्परिक तरीक़े से बीमारियों से बचा सकते हैं।
कार्यशाला के नोडल अधिकारी डॉ अनिल सैनी ने कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आगामी दो दिनों में सगर एवं मंडल में जैविक खेती का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग भारत सरकार के द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सप्ताह में आयोजित दो जून 2022 को जीरो वेस्ट चैंपियनशिप का आयोजित की गई। जिसमें एनएसएस, एनसीसी, रोवर्स रेंजर्स ने प्रथम, बीएड और यूथ रेड क्रास ने द्वितीय और हॉस्टल अलकनंदा, भागीरथी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
जैविक कृषि पर आधारित क्विज कम्पीटीशन में सपना ने प्रथम स्थान, सृष्टि बिष्ट ने द्वितीय और चांदनी पलेठा ने तृतीय स्थान व प्रकाश लाल ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
इस अवसर पर डा एमके उनियाल, डॉ बीसीएस नेगी, डॉ एसएस रावत, डा बीपी देवली, डॉ बीपी पुरोहित, डा जगमोहन नेगी, डा नभेंद्र गुसाईं, डॉ. दिनेश सती, डा मनोज बिष्ट, डा रंजू बिष्ट, डॉ भावना मेहरा, डॉ प्रियंका उनियाल, डा मनीष मिश्रा, डा मनोज नौटियाल, डॉ रुपेश कुमार, डॉ पूनम टाकुली, दीपक सनवाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ डीएस नेगी एवं डॉ विधि ढूंढियाल ने संयुक्त रूप से किया।