क्या भाजपा से दूर हो गई तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी
देहरादून। क्या भारतीय जनता पार्टी से उत्तराखंड के चारधाम के तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी दूर हो गई। राज्य के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों इसको लेकर खूब चर्चा हो रही हैं। इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं।
भाजपा ने प्रचंड बहुमत के दम पर चारधाम देवस्थानम एक्ट बनाया। तीर्थ पुरोहित, हक हकूकधारियों और तमाम धर्मानुरागियों के विरोध के चलते चुनाव से कुछ समय पूर्व इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया।एक्ट वापस लेने की प्रक्रिया विधानसभा में पूरी होनी है।
सवाल उठ रहा है कि एक्ट वापस लेने के ऐलान के बाद तीर्थ पुरोहितों की भाजपा से नाराजगी दूर हो गई। राजनीतिक गलियारों में इसको लेकी खूब चर्चा हो रही है। भाजपा इसको लेकर जानकारी जुटा रही है। कांग्रेस, यूकेडी और आम आदमी पार्टी भी इस प्रकार की सूचनाएं ले रही है।
इन सबके बीच चारधामों के तीर्थ पुरोहित भी इस मुददे पर उसी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं जैसे राज्य का आम आदमी चुनावी साल में साधे हुए है। हां, तमाम मुददों पर बातचीत में कई बातें सामने आ रही हैं। पार्टी के बजाए जनप्रतिनिधियों के कार्यों पर लोग रिएक्ट कर रहे हैं। इससे लगता है कि इस बार पार्टी पर काम और प्रत्याशी पर लोग ज्यादा फोकस करेंगे। ताकि राज्य की बड़ी पंचायत में क्षेत्र की मजबूत एडवोकेसी हो सकें।