प्रिंसिपल प्रो. मधुलिका पाठक के प्रयासों से बेहतरी की राह पर अग्रसर गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कांडा
एक प्रिंसिपल ऐसा भी
उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां 80 प्रतिशत से अधिक गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेजों में प्रिंसिपल तैनात हैं। वहीं उन राज्यों में भी शामिल है जहां स्कूली शिक्षा में 80 प्रतिशत स्कूल बगैर प्रिंसिपल के हैं। स्कूल/कॉलेजों में कुछ प्रिंसिपल ने बेहतर काम, कुशल नेतृत्व से कॉलेज की तस्वीर बदल दी। ऐसे कॉलेजों और लीड कर रहे प्रिंसिपलों को हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com का सलाम।
आज से हम ऐसे स्कूल/ कॉलेजों के प्रिंसिपल पर एक प्रिंसिपल ऐसा भी नाम से साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित कर रहे हैं। ये कॉलेज हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com के साथ ही रविवार को प्रकाशित होने वाले हिन्दी सप्ताहिक तीर्थ चेतना में भी प्रकाशित किया जाएगा।
बागेश्वर। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, कांडा धीरे-धीरे ही सही बेहतरी की राह पर अग्रसर हो गया है। ऐसा संभव हुआ कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. मधुलिका पाठक के प्रयासों से।
2006 में स्नातक वाणिज्य से शुरू हुआ गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में अब तीन संकाय वाणिज्य, विज्ञान और कला संकाय की पढ़ाई होती है। पांच विषयों में पीजी की कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। 2006 में स्थापित कॉलेज को करीब 14 सालों के बाद अपना भवन भी मिल गया।
वर्ष 2020 तक कॉलेज गवर्नमेंट इंटर कॉलेज के एक हिस्से में किसी तरह से संचालित हो रहा था। जून 2020 में यहां प्रिंसिपल का पद संभालने पहुंची प्रो. मधुलिका पाठक ने अपना पूरा फोकस कॉलेज की निर्माणाधीन बिल्डिंग पर कर दिया।
तमाम प्रयासों के बाद जुलाई 2021 में भवन कॉलेज को मिल गया। इसके बाद कॉलेज को बेहतरी की राह पर अग्रसर करने के लिए प्रिंसिपल और उनकी टीम ने कमर कस दी। रसायन विज्ञान की प्रोफेसर रही डा. मधुलिका पाठक रसायनों की क्रिया-प्रतिक्रिया को स्टमेट करना जानती थी।
मद्रास यूनिवर्सिटी से डिग्री, पीजी की पढ़ाई और इलाहबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाली डा. पाठक की स्कूली शिक्षा चंडीगढ़ में हुई। भिन्न-भिन्न संस्कृति को बचपन से आत्मसात कर चुकी डा. पाठक का ये अनुभव गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, कांडा में खूब काम आया। उन्होंने इस इस अनुभव का प्रयोग कॉलेज को बेहतरी की राह पर अग्रसर करने में किया। वो कॉलेज के लिए एक अच्छा टीम वर्क बनाने में सफल रही।
पाठयक्रम के अलावा छात्र/छात्राओं के व्यक्तित्व विकास पर कॉलेज में खूब जोर दिया जा रहा है। स्थानीय लोग इस बदलाव को महसूस भी करने लगे हैं।
बातचीत में प्रिंसिपल प्रो. पाठक बगैर किसी लाग लपेट के कहती हैं कि जो काम सौंपा गया उसे अच्छे से करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, कांडा के छात्र स्वयं को साबित कर सकें यही हमारी उपलब्धि होगी। इसी पर फोकस भी किया गया है।