आम चुनाव का अंतिम चरण में प्रवेश
सुदीप पंचभैया।
18 वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव ने अंतिम चरण में प्रवेश कर लिया है। आम चुनाव की तिथियों के ऐलान से लेकर छठवें चरण के मतदान तक चुनाव में कई रंग देखने को मिले। चुनाव से पहले चटक रंग फीका और फीका रंग चटक होते हुए देखा गया।
25 मई को आम चुनाव का छठवें चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। 19 अप्रैल को शुरू हुआ मतदान का क्रम एक जून को सातवें चरण के साथ संपन्न होगा। चार जून का मतगणना के साथ चुनाव का रिजल्ट भी आएगा। 18 वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव ने पिछले दो माह में राजनीतिक के जानकारों को भी खूब चौंकाया।
दरअसल, चुनाव की तिथियों के ऐलान तक भाजपा का अबकी बार 400 पार का नारा बुलंद हो गया था। हिन्दी बेल्ट में तो चुनाव एकतरफा से दिख रहा था। मगर, ज्यों-ज्यों प्रचार ने जोर पकड़ा स्थिति एकदम से भिन्न होते दिखने लगी। देश के अधिकांश राज्यों में मुकाबला भाजपा बनाम इंडिया गठबंधन हो गया।
अब राजनीति के जानकार देश भर में एक-एक सीट पर मुकाबला कांटे का बता रहे हैं। दरअसल, चुनाव के ऐलान से पहले जिस इंडिया गठबंधन को कमजोर आंका जा रहा था उसने भाजपा के अबकी बार चार सौ पार के नारे की एक तरह से हवा निकाल दी। उल्टे इस नारे पर तमाम तोहमत मढ़कर भाजपा को डिफेंसिव होने के लिए मजबूर कर दिया।
धरातल पर इसका असर भी देखने को मिला। देवभूमि उत्तराखंड से इसकी शुरूआत हुई। चुनाव परिणाम कुछ भी हो। मगर, राज्य की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस 2014 और 2019 के मुकाबले मजबूती के साथ चुनाव लड़ी। कांग्रेस ने भाजपा को हर स्तर पर कड़ी टक्कर दी।
कई मुददों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने भाजपा के प्रत्याशियों की जमकर परीक्षा ली। पौड़ी सीट पर तो भाजपा ने खासा जोर लगाया। गारंटी तक भी दी गई। चुनावी सभा में रोना धोना तक हुआ। देखने वाली बात होगी कि चुनाव परिणाम कैसे रहता है।
देश के अधिकांश क्षेत्रों से इसी प्रकार की सूचनाएं मिल रही हैं। चुनाव परिणाम कुछ भी हो। मगर, चुनाव की तिथियों के ऐलान से पहले मामला एक तरफा दिख रहा था। प्रचारित भी हो रहा था। चुनाव के आगे बढ़ते-बढ़ते रंग बदलने लगे। चुनाव से पहले दिख रहा चटक रंग छठवें चरण तक फीका होते हुए भी दिखा। जबकि फीका रंग में एकाएक चटक देखने को मिली।
रंगों की ये अदला बदली की सही-सही तस्वीर तो चार जून को ही पता चल सकेगी। मगर, चुनाव के छह चरणों में जो कुछ दिखा और महसूस किया गया उसने राजनीतिक विश्लेषकों को भी खूब चौंकाया। विश्लेषक मान रहे हैं कि इस चुनाव में लहर जैसा कुछ और कहीं भी नहीं दिखा। मोदी की गारंटी को इंडिया गठबंधन ने अपनी गारंटियों से अच्छे से काउंटर किया।
इंडिया गठबंधन के युवाओं और सरकारी कर्मचारियों के मुददों को मजबूती से उठाया और भरोसा भी दिया। अग्निवीर योजना को सत्ता में आते ही समाप्त करने का ऐलान भी इंडिया गठबंधन ने किया। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन वाले मुददे को इंडिया गठनबंधन के एक-एक दल के नेताओं ने ने अच्छे से एड्रेस किया।
बहरहाल, छह चरण के चुनाव के बाद अब एक जून को सातवें चरण के मतदान के साथ ही 18 वीं लोकसभा हेतु हो रहा आम चुनाव संपन्न हो जाएगा। चार जून को मतगणना और चुनाव परिणाम सामने आएंगे। चुनाव के दौरान दिखे तमाम राजनीतिक उतार चढ़ाव चुनाव परिणाम के रूप में कैसे दिखेगा इसका देश के लोगों को इंतजार है।