प्रमोशन करेगा शिक्षा विभाग और विषयगत लाभ की फाइल आयोग में
देहरादून। स्कूली शिक्षा विभाग की व्यवस्थाएं गजब की हैं। यहां एलटी/प्रवक्ता पद पर तैनात शिक्षकों का पहला प्रमोशन तो विभागीय स्तर से ही हो जाता है। मगर, विषयगत लाभ के लिए फाइल लोक सेवा आयोग को भेजी जाती है।
जी हां, एलटी/प्रवक्ता शिक्षकों का प्रमोशन का पहला पद हाई स्कूल का प्रधानाध्यापक है। इस पद पर प्रमोशन स्कूली शिक्षा विभाग के निदेशक के स्तर से होता है। ये अच्छी व्यवस्था है। हां, इस व्यवस्था में सरकार की हां, ना जरूर शामिल होती है। पिछले पांच सालों में इस स्तर पर भी प्रमोशन की गति मंथर ही है।
इससे इत्तर एलटी से प्रवक्ता पद पर दिया जाने वाला विषयगत लाभ की फाइल लोक सेवा आयोग को भेजी जाती है। इसमें काफी समय लगता है। मौजूदा समय में दो हजार से अधिक एलटी शिक्षक विषयगत लाभ की राह देख रहे हैं और फाइल आयोग में है।
इसको लेकर जो मासूम तर्क दिया जाता है वो समझ से परे है। तर्क होता है कि प्रवक्ता का पद आयोग का है। विभाग को शिक्षक को विषयगत लाभ देने के लिए आयोग की मुहर की जरूरत पड़ रही है और प्रमोशन में नहीं।
हैरानगी इस बात की है कि विभाग ने एलटी से प्रवक्ता पद पर दिए जाने वाले विषयगत लाभ को प्रमोशन ठहरा दिया है। विभाग के तमाम पत्राचारों में इसका उल्लेख भी होता है। यही नहीं कई बार तो ये विषयगत लाभ भी तदर्थ रूप में मिलता है।