धामी सरकार को भारी पड़ेगा डा. निधि उनियाल प्रकरण
देहरादून। राज्य की धामी सरकार पर डा. निधि उनियाल प्रकरण भारी पड़ने वाला है। इस मामले में सोशल मीडिया में आम उत्तराखंडी की जो प्रतिक्रिया देखने और सुनने को मिल रही है उससे यही लग रहा है।
राज्य के लोग समय-समय पर उत्तराखंड में तैनात अखिल भारतीय स्तर की सेवा के अधिकारियों के कई रंग देखते रहे हैं। उत्तराखंड मूल के राज्य स्तरीय अधिकारी भी कई मौकों पर कोप का शिकार होते रहे हैं। राजनीतिक व्यवस्था तमाशा भर देखती रही है। परिणाम नौकरशाही बेलगाम हो गई है।
ताजा मामला दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रो. डा. निधि उनियाल का है। गुरूवार को डा. उनियाल को ओपीडी छोड़कर स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडेय की पत्नी को देखने उनके घर जाना पड़ा। आरोप है कि स्वास्थ्य सचिव की पत्नी ने डा. निधि के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।
इसके बाद सचिवालय ने पूरी मेडिकल कॉलेज को हिला दिया। डा. निधि पर सचिव की पत्नी से माफी मांगने का दबाव बनाना गया। वो नहीं मानी तो शाम तक उनका तबादला अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज कर दिया गया।
स्वाभिमानी डा. निधि उनियाल ने दबाव में आने के बजाए इस्तीफा देना ज्यादा अच्छा समझा। उन्होंने अपना इस्तीफा स्वास्थ्य सचिव को भेज दिया।
इस मामले में सोशल मीडिया में लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने और सुनने को मिल रही हैं। हैरानगी की बात ये है कि राज्य सरकार ने अभी तक इस प्रकरण पर मुंह तक नहीं खोला। पूर्व में भी आईएएस अधिकारियों के ऐसी हरकतों पर भी सरकारें चुप रही हैं।