किशोर उपाध्याय के बहाने पार्टी के बड़े नेताओं को कांग्रेस का संदेश

ऋषिकेश। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के खिलाफ एक्शन के साथ ही कांग्रेस ने उत्तराखंड के बड़े नेताओं को भी साफ-साफ संदेश दे दिया। इस संदेश का असर जरूर दिखेगे और पार्टी की संभावनाओं में बढ़ोत्तरी भी होगी।
कांग्रेस हाईकमान आमतौर पर दिग्गज नेताओं की इत्तर बयानबाजी पर भी खास गौर नहीं करता। यही वजह है कि कई बार कांग्रेसी ही इससे उकताने लगते हैं। बहरहाल, बुधवार को कांग्रेस ने उत्तराखंड के दिग्गज नेता एवं पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।
उन पर तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी के सभी दायित्व से मुक्त कर दिया है। ये बात सामने आती रही है कि किशार उपाध्याय की पींगे भाजपा से बढ़ रही हैं। गत दिनों वो भाजपा के नेताओं से मिले भी। तब उनके भाजपा में जाने की कयास भी लगने लगे थे।
हालांकि उन्होंने स्थिति स्पष्ट भी कर दी थी। मगर, तमाम फीडबैक के विश्लेषण के बाद पार्टी ने उन्हें झटका दे दिया। उन्हें पार्टी में एक तरह से पैदल कर दिया। उनसे सभी दायित्व अग्रिम आदेशों तक वापस ले लिए गए।
किशोर उपाध्याय के खिलाफ एक्शन के बहाने कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड के बड़े नेताओं को भी एक तरह से साफ-साफ संदेश दे दिया है। इस रूख से स्पष्ट है कि कांग्रेस अब पार्टी में मनमर्जी चलाने वाले नेताओं को ढोने को कतई तैयार नहीं है। अभी तक इस मामले में किशोर उपाध्याय का पक्ष सामने नहीं आ सका है। तमाम कोशिशों के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका। उनका फोन भी नहीं उठ रहा है।
बहरहाल, पार्टी के इस दो टूक अंदाज का उत्तराखंड में पार्टी को लाभ होने की पूरी-पूरी संभावनाएं हैं। साथ ही कांग्रेस की संभावनाएं भी इससे बढ़ना तय है।