युवाओं ने फूंका कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला
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अंकिता हत्या मामले में वीआईपी के मामले में गलत बयानी का आरोप
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। अंकिता भंडारी की हत्या की वजह बनें वीआईपी के नाम के उजागर न होने से पहले से ही नाराज लोगों को इस मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की बात चूभ गई। नाराज युवाओं ने इसके विरोध में उनका पुतला फूंका।
युवा न्याय संघर्ष समिति का धरना अंकिता भण्डारी हत्याकांड में शामिल वीआईपी के नाम उजागर करने व सीबीआई की माँग व विधानसभा भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्यवाही की माँग को लेकर धरना 49वें दिन व आमरण अनशन 15वें दिन जारी रहा साथ ही मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा अंकिता हत्याकांड में शामिल वीआईपी के नाम पर रिसोर्ट की ओर से सफ़ाई देने के विरोध में धरने के समर्थन में आये आक्रोषित युवाओं द्वारा मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल का गलत बयानबाजी करने पर पुतला दहन किया गया ।
आमरण अनशन के तीसरे चरण के चौथे दिन कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला, शिक्षाविद संजय सिल्सवाल, वंदेमातरम ग्रुप के जितेन्द्र पाल पाठी, भाजपा किसान मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष यशवन्त रावत, युवा सूरज कुकरेती आमरण अनशन जारी रहा । क्रमिक अनशन पर लक्ष्मी बुडाकोटी, सुमित उनियाल बैठे ।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव राणा व छात्र नेता साक्षी तिवारी ने कहा की हम एक ओर बहन अंकिता को न्याय दिलाने व बैकडोर से भर्ती करवाने वालों की सजा की मांग कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ये सत्ता के नशे में चूर मंत्री बेबाक गलत बयानबाजी कर रहे हैं हम राज्यपाल से माँग करते हैं कि ऐसे मंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिये । हम ये लड़ाई तब तक लड़ेंगे जब तक हमारी बहन व युवाओं को न्याय नहीं मिल जाता ।
युवा नेता अजय दास ने कहा की जिस प्रकार युवा न्याय संघर्ष समिति ने पिछले 49वें दिन से अनिश्चित कालीन धरना व 15वें दिन से आमरण अनशन पर बैठकर बहन अंकिता भंडारी के दोषियों को सजा दिलाने व उन वीआईपी के नाम उजागर करने व विधानसभा बैकडोर भर्ती में दोषियों पर कार्यवाही को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं, परन्तु सरकार बिल्कुल निष्ठुर हो गई है।
इनके मंत्री कुर्सी पर बैठकर गलत बयान बाजी कर उन दोषियों को बचाने का काम कर रहे हैं इससे साफ यह दर्शाता है कहीं ना कहीं यह भी उस पूरे प्रकरण में सम्मिलित है इसलिए सरकार द्वारा दोषियों को बचाकर इस केस को रफा-दफा करने की साजिश की जा रही है और अंकिता भंडारी के चैट से साफ दर्शाता है कि वह किसी वीआईपी पर्सन के आने की बात कर रही थी फिर भी यह लोग दोषियों को बचाने के लिए उस वीआईपी को एक कमरा बता रहे हैं ताकि इस केस से वीआईपी का नाम सामने ना आ पाए और कहीं न कहीं यह प्रतीत होता है कि वीआईपी कोई बहुत बड़ा आदमी है जो भाजपा या आरएसएस से जुड़ा है ।
पुतला दहन के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार ओम रतूड़ी, सुरेंद्र सिंह नेगी ,मदन सिंह राणा ,पूर्णिमा बडोनी,राहुल रावत ,प्रवीण अग्रवाल,लक्ष्मी बुडाकोटी, विष्णु राणा , रेखा राणा,डिम्पल चौहान, धुर्व प्रताप सिंह, पूर्णननाद जोशी, अजय दास,शास्वत वशिष्ठ,अमन निषाद,रविंद्र प्रकाश भारद्वाज,प्रवीण जाटव,सचिन शर्मा रेनू नेगी,संदीप प्रजापति,निशांत बागड़ी,अमन हक़दार,अभय,यश अरोड़ा,राजेंद्र कोठारी, हरी सिंह नेगी , जयशवरी रावत , सावी नेगी , बीना अग्रवाल , करण सिंह बर्तवाल,इमरान , सौरव वर्मा , आदित्य पाल, साक्षी तिवारी , रितिका प्रजापति, चंद्रकांता जोशी , कमलेश शर्मा ,स्वाति शर्मा , उषा भंडारी , सावित्री देवी , अमन , महेश ,आकाश , तरुण शर्मा , विशाल , जगजीत सिंह ,नेहा आदि बड़ी संख्या लोग मौजूद रहे ।