भाजपा और हरक सिंह रावत एक-दूसरे से मुक्त
देहरादून। भाजपा और दिग्गज नेता डा. हरक सिंह रावत एक-दूसरे से मुक्त हो गए। भाजपा ने उन्हें अनुशासनहीनता के नाम पर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके साथ ही उनके लिए कांग्रेस के द्वार खुल गए। हालांकि अभी पत्ते खुलने शेष हैं।
कैबिनेट मंत्री एवं दिग्गज नेता डा. हरक सिंह रावत अब भाजपा के नहीं रहे। इस बात का आशंका छह माह से व्यक्त की जा रही थी। भाजपा उन्हें किसी भी तरह से पार्टी में बनाए रखना चाहती थी। मगर, ये संभव नहीं हो सका। स्वयं को कार्यकर्ता आधारित पार्टी बताने वाली भाजपा का डा. हरक सिंह प्रति ये लगाव भी समझ से परे था।
बहरहाल, कुछ दिनों से भाजपा उनके हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए थी। शाम करीब पांच बजे भाजपा कन्फर्म हो गई कि डा. रावत को कांग्रेस से ग्रीन सिग्नल मिल गया। रात होते-होते भाजपा ने उन्हें अनुशासनहीनता के नाम पर पार्टी से निष्कासित कर दिया।
ये माना जा रहा है कि सोमवार को डा. रावत कांग्रेस में शामिल होंगे। सोमवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उनके साथ कुछ और सिटिंग और पूर्व विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि रावत को डोईवाला से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। भाजपा को भी उन्होंने अपने लिए ये विकल्प दिया था।
बहरहाल, इस तरह से कहा जा सकता है कि भाजपा और डा. हरक सिंह रावत दोनों एक-दूसरे से मुक्त हो गए हैं। देर से मिली इस मुक्ति का भाजपा को काफी नुकसान हो चुका है और शेष नुकसान चुनाव में दिखेगा। कांग्रेस पूरी तरह से लाभ में रहेगी।
हां, भाजपा में कुछ सीटों को लेकर बना टेंशन भी समाप्त हो गया। डा. हरक सिंह रावत के चलते टिकट कटने को लेकर आशंकित भाजपा नेताओं को इस मुक्ति से राहत मिल गई है।