चुनाव परिणाम से पहले ये व्याकुलता क्या कहलाती है

ऋषिकेश। चुनाव परिणाम से पहले उत्तराखंड के नेताओं में हद दर्जे की व्याकुलता दिख रही है। दरअसल, मतदान के बाद कुछ नेताओं को सपने में कुर्सी आती और जाती दिख रही है तो कुछ खिसकती दिख रही है।
उत्तराखंड की 70 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान हुआ। 10 मार्च को नतीजे आने हैं। किसी भी सीट पर यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता कि कौन हार रहा है और कौन जीतेगा। इस स्थिति से तमाम दिग्गज नेता डरे हुए हैं।
नेताओं के इस डर ने व्याकुलता का रूप ले लिया है। कई-कई बार एक-एक सीट से आई रिपोर्ट को एनालाइज किया जा रहा है। 15 फरवरी दोपहर से ही दिग्गज नेताओं की व्याकुलता सामने आने लगी। 16 फरवरी तक तो नेता उदगार भी व्यक्त करने लगे।
कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने तो सीधे-सीधे कह दिया कि बनेंगे तो सीएम नहीं तो घर बैठेंगे। उनके स्वर को कांग्रेस में बल भी मिल रहा है। परिणाम उन्होंने सरकार बनने के बाद कार्यों की प्राथमिकता भी बतानी शुरू कर दी हैं।
हरदा के अलावा बेचैनी कई नेताओं में दिख रही है। किसी की सीट फंसी है तो कोई अंदाजा नहीं लगा पा रहा है कि 10 मार्च को होगा क्या। तब तक टाइम कटेगा कैसे।
व्याकुलता कांग्रेस के खेमे में ही हो ऐसा नहीं है। भाजपा के खेमे में तो भितरघात की आशंका की बेचैनी साफ दिख रही है। अभी तक करीब आधा दर्जन विधायक मुंह खोल चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर आरोप लग चुके हैं। चुनाव परिणाम से पहले मचे इस बवाल से भाजपा परेशान है। ये सब बातें दिग्गज नेताओं की व्याकुलता बढ़ा रहे हैं।