कांग्रेस ने भाजपा को ऐसी दी टक्कर
देहरादून। कांग्रेस अब भाजपा को हर स्तर पर टक्कर देने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा ने विधायकी का चुनाव हारे हुए नेता को मुख्यमंत्री बनाया तो कांग्रेस ने विधायकी का चुनाव हारे हुए नेता को राज्य में पार्टी की कमान सौंप दी।
प्रदेश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस प्रयोग करने पर उतर आए हैं। प्रयोगों के इस गडमढ में जनता सिर्फ दर्शक की भूमिका में है। चुनाव की ठीक बाद हुए इन प्रयोगों के लिए रणनीति शब्द का उपयोग भी नहीं किया जा सकता।
बहरहाल, प्रयोग की शुरूआत भाजपा ने की। भाजपा ने खटीमा से विधायकी का चुनाव हारे पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया। इस प्रयोग को लेकर जितने मूंह उतनी बातें हो रही हैं। हालांकि भाजपा का ये प्रयोग सफलता-असफलता से हटकर है।
अब कांग्रेस भी इसी राह पर आगे बढ़ रही है। पार्टी ने रानीखेत विधानसभा सीट पर विधायकी का चुनाव हारे करन माहरा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। प्रयोगों के क्रम में कांग्रेस एक कदम और आगे बढ़ गई। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता एक ही क्षेत्र से बना दिए।
हां, प्रयोग करते हुए पार्टी ने जातिगत समीकरणों का जरूर ध्यान रखा। कांग्रेस छोड़, भाजपा में शामिल हुए और भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापस आए यशपाल आर्य का पार्टी ने पूरा ख्याल रखा। वो सदन में कांग्रेस का चेहरा होंगे।
खटीमा में भाजपा के सीएम फेस पुष्कर सिंह धामी को हराने वाले भुवन कापड़ी को पार्टी ने उपनेता बनाया है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने भाजपा उसी के अंदाज में टक्कर देना शुरू कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस का ये अलग तरह का प्रयोग पार्टी के लिए कितना शुभ रहता है।
इस प्रयोग की परीक्षा 2023 में निकाय और पंचायत चुनाव से शुरू हो जाएगी और 2024 के आम चुनाव तक इस प्रयोग के गीत सुनने को मिलेंगे।