कक्षा तीन तक के नौनिहालों में साक्षरता एवं संख्याज्ञान को लक्ष्य तय

क्रियान्वयन हेतु शिक्षक सन्दर्शिका निर्माण कार्यशाला
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। कक्षा तीन तक के नौ वर्ष की आयु तक नौनिहालों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान के क्रियान्वयन हेतु पांच दिवसीय शिक्षक सन्दर्शिका निर्माण कार्यशाला संपन्न हो गई।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड तथा रूम टू रीड संस्था के संयुक्त तत्वाधान में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान के क्रियान्वयन हेतु श्रीमती सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण तथा आर०डी० शर्मा अपर निदेशक एससीईआरटी के निर्देशन में 24 मई से शुरू हुई पांच दिवसीय शिक्षक सन्दर्शिका निर्माण कार्यशाला शनिवार को संपन्न हो गई।
कार्यशाला के समापन सत्र में कार्यक्रम की नोडल एससीईआरटी की संयुक्त निदेशक श्रीमती कंचन देवराड़ी ने राष्ट्रीय मिशन के तहत बुनियादी साक्षरता एवं संस्था ज्ञान मिशन की अवधारणा को कक्षा-कक्ष तक क्रियान्वयन किए जाने के सन्दर्भ में शिक्षक सन्दर्शिका की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के द्वारा इस सन्दर्भ में स्कूल जाने से पूर्व से कक्षा-3 तक 3 से 9 आयु वर्ग के बच्चों पर भाषा और साक्षरता तथा गणितीय समझ के क्रियान्वयन के लिए ध्यान केन्द्रित करने पर बल दिया गया। भाषा साक्षरता तथा संख्या ज्ञान सम्बन्धी कौशलों के विकास हेतु 2026-27 तक प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
उपनिदेशक श्रीमती हिमानी बिष्ट द्वारा मूलभूत संख्या ज्ञान तथा गणितीय कौशल के अन्तर्गत प्रारम्भिक गिनती अवधारणा संख्या और संख्या सम्बन्धी गणितीय कार्य तथा गणितीय समप्रेषण पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के समन्वयक डा. केएन बिजल्वाण ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम को कक्षा-कक्ष तक ले जाने में शिक्षक सन्दर्शिका की महत्वपूर्ण होती है।
उन्होने आशा व्यक्त की कि शिक्षकों द्वारा सरल भाषा में शिक्षक सन्दर्शिका निर्मित की गयी होगी तथा यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल सिद्ध होगी। कार्यक्रम में डा. राकेश गैरोला, डा. उमेश चमोला, मनोज कुमार शुक्ला, हेमू बिष्ट, डा. दीपक प्रताप सिंह, प्रशान्त वर्तवाल, अम्बरीश बिष्ट आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
इस कार्यशाला में डायट के संकाय सदस्यों के साथ ही प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक तथा माध्यामिक स्तर के शिक्षकों के अलावा अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन, डीम ए ड्रीम फाउण्डेशन आदि स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।