उत्तराखंड के युवाओं में घर कर गई है निराशा
नौकरी घोटालों पर प्रभावी अंकुश लगाने में असफल रही है सरकार
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। सरकारी नौकरी घोटाले ने देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं को हर तरह से निराश कर दिया। युवाओं के मन में ये बात घर कर गई है कि राज्य में मेहनत का कोई मोल नहीं रह गया है।
उत्तराखंड राज्य नौकरी घोटाले के लिए बदनाम हो चुका है। राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में नौकरी घोटाला प्रमाणित हो चुका है। मगर, यहां के नौकरी घोटाले के हाकम का बाल भी बांका नहीं हुआ। राजनीतिक व्यवस्था ने लोगों को किस कदत हताश कर दिया है वो इस बात से साबित होता है कि विधानसभा नौकरी घोटाले को लोग भुलने में अपनी भलाई समझने लगे हैं।
सरकारी नौकरियों के लिए योग्य अभ्यर्थी का चयन करने वाली संस्थाएं पेपर लीक कराने में लिप्त मिल रही हैं। सबसे बड़ी संस्था लोक सेवा आयोग पटवारी की भर्ती भी सही से नहीं करा सकी। आयोग के ही एक अधिकारी का नाम पेपर लीक करने के मामले में सामने आ चुका है। यूकेएसएसएससी का नाम अब युवा अपनी जुबान पर भी नहीं लाना चाहते। कई विश्वविद्यालयों में हुई भर्तियां भी सवालों के घेरे में है।
प्रवक्ता और जेई की भर्ती का पेपर भी लीक होने की बात सामने आ रही है। हालांकि सिस्टम अभी सेलेक्टिव बना हुआ है। अभी आयोग और विभिन्न बोर्डों में भरे गए पदों को लेकर चर्चा नहीं हो रही है। इस पर चर्चा होगी तो कई और मामले सामने आएंगे।
इस तरह से नौकरियों के घोटालों ने राज्य के युवाओं को हताश कर दिया है। उनकी मेहनत को कभी रसूखदार तो कभी पेपर माफिया चट कर जा रहे हैं। यूकेएसएसएससी में हुए घोटाले के वक्त सरकार ने भरोसा दिया था कि अब ऐसा नहीं होगा। मगर, सरकार का भरोसे में दम नजर नहीं आया। पटवारी भर्ती का पेपर लीक हो गया।
अब सरकार फिर से भरोसा दिलाने का प्रयास कर रही है। मगर, लोग अब भरोसा करने के मूड़ में नहीं हैं। हां, लोगों और खासकर युवाओं में हताशा इस कदर है कि सिस्टम को ही इसका लाभ मिलता दिख रहा है। नौकरी घोटोले पर आम लोगों के स्तर से सवाल उठने बंद हो गए हैं।
दरअसल, अब लोग इसको लेकर उम्मीद भी छोड़ चुके हैं। युवाओं में ये बात घर कर गई है कि राज्य में बगैर जुगाड़ के नौकरी संभव नहीं है।