उत्तराखंड में सरकार पर भारी अतिक्रमणकारी
देहरादून। सार्वजनिक स्थानों पर सिस्टम की अनदेखी/व्यवहार से हो रहे अतिक्रमण ने पूरे उत्तराखंड की सूरत बिगाड़ दी है। स्थिति ये है कि अतिक्रमणकार सरकार पर भारी पड़ रहे हैं।
इन दिनों देश भर में बुलडोजर की चर्चा है। ये चर्च यूपी से शुरू हुई और देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। मध्य प्रदेश भी बुलडोजर को लेकर इन दिनों चर्चा में है। चर्चा हो रही है कि अतिक्रमण पर डोजर चल रहा है। ये अच्छी बात है। अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर अनिवार्य हो जाना चाहिए।
देवभूमि उत्तराखंड को अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर की अधिक जरूरत है। मगर, यहां अभी ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है। दरअसल, अतिक्रमण ने देवभूमि उत्तराखंड की सूरत बिगाड़कर रख दी है। चारधाम यात्रा मार्ग का एक-एक पड़ाव अतिक्रमण से कराह रहा है।
सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण कर अतिक्रमणकारी सिस्टम की नाक के नीचे चांदी काट रहे हैं। प्राकृतिक निकासियों को भी अतिक्रमणकारियों ने नहीं छोड़ा। अब तो स्थिति ये है कि अतिक्रमणकारी सरकार पर हर स्तर पर भारी पड़ रहे हैं।
कई स्थानों के अतिक्रमण तो कोर्ट के निर्देश के बावजूद नहीं हटाया जा रहा है। कई सरकारी विभागों की जमीन तो उनके आलाधिकारियों की नाक के नीचे कब्जाई जा रही हैं। इस खेल में सफेदपोशों की सीधी भूमिका है। निकाय क्षेत्रों में तो अतिक्रमण सिस्टम का मुंह चिढ़ा रहा है।
ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि छोटी सरकार तो अतिक्रमणकारियों की एक तरह से संरक्षक बनकर रह गई है। बड़ी सरकारों का भी आशीर्वाद दिखता है।