शिक्षक भर्ती में हुए घालमेल की जिम्मेदारी से नहीं बच सकते अधिकारी
हरिद्वार। प्रदेश के प्रबंधकीय स्कूलों में शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों की भर्ती में हुए कथित घालमेल की जिम्मेदारियों से संबंधित अधिकारी नहीं बच सकते। जांच में सामने आ रहे प्रारंभिक तथ्य इस ओर इशारा भी करने लगे हैं।
वित्तीय मान्यता वाले प्रबंधकीय स्कूलों को लेकर सरकार का ये अजीब सा नियम है कि शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों को वेतन तो सरकार देगी और नियुक्ति का अधिकारी प्रबंधन के पास होगा। बस नियुक्ति प्रक्रिया में शिक्षा विभाग का कुछ इन्वोल्वमेंट होता है।
यही वजह है कि प्रबंधकीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर असक्र सवाल उठते रहते हैं। हालांकि उठे सवालों को दबाया भी जाता रहा है। पौड़ी जिला इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। अब ऐसा ही मामला हरिद्वार जिले में भी है। इसकी जांच चल रही है।
पौड़ी के प्रबंधकीय स्कूलों में हुई नियुक्तियों की भी जांच हुई थी। कई ऑडियो-वीडियों भी सामने आए थे। जांच का हुआ क्या किसी को पता नहीं। बहरहाल, अधिकांश मामलों में ये बात उभरकर सामने आती रही है कि प्रबंधकीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं के मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। हालांकि आरोप सीधे प्रबंध तंत्र पर होते हैं। मगर, दबी जुबान विभागीय अधिकारियों से लेकर बड़े-बड़ों के नाम भी सामने आते रहे हैं। नियुक्तियों के अनुमोदन से लेकर तमाम बातों को लेकर सवाल विभागीय अधिकारियों के पाले में होते हैं। आरोप भी खूब लगते रहे हैं।