उत्तराखंड में शुरू हुआ 18 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों का प्रदेशव्यापी आंदोलन

उत्तराखंड में शुरू हुआ 18 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों का प्रदेशव्यापी आंदोलन
Spread the love

देहरादून। सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों का अपने हक के लिए सोमवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू हो गया है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के आह्वान पर यह चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो गया है।

रविवार को आंदोलन को चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने पूर्ण सहभागिता का एलान कर दिया था। समिति के प्रवक्ता प्रताप सिंह पंवार और अरुण पांडेय ने बताया कि समिति की ओर से सरकार और शासन को 18 सूत्री मांग पत्र भेजा गया था। इस पर कार्रवाई न होने के विरोध में ही छह सितंबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो गया है।

यह हैं मांगें

1- प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों, शिक्षकों, निगम, निकाय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान दिया जाए।

2- राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों की भांति सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाए। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाए और सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50% कटौती कम की जाए।

3- पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल कीज जाए।

4- केंद्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11% मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।

5- प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।

6- मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। एक वर्षीय कंप्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।

7- वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुये स्टाफिंग पैर्टन के तहत ग्रेड वेतन 4800 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।

8- राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन 2400 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के तहत ग्रेड 4800 दिया जाए।

9- चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन 4200 दिया जाए।

10- सभी इंजीनियरिंग विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता(प्राविधिक), संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।

11- सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों (शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि) के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत कर दिया जाए।

12- राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी, एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति हेतु निर्धारित मापदंडों के मुताबिक सभी स्तर के कार्मिकों के लिए 10 वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा अतिउत्तम के स्थान पर ऽउत्तम की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।

13- जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।

14- यह 31 दिसंबर और 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को छह माह की अवधि पूर्ण मानते हुए एक वेतन वृद्धि दी जाए। इसके तहत ही उन्हें सेवानिवृत्ति का लाभ दिया जाए।

15- स्थानान्तरण अधिनियम 2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।

16- राज्य कार्मिकों की भांति निगम, निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किए जाएं।

17- तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितीकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुए वेतन, सेलेक्शन ग्रेड, एसीपी, पेंशन आदि सभी लाभ दिए जाएं।

18- समन्वय समिति से संबद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन पर हुई बैठकों में किए गए समझौते और निर्णयों के हिसाब से जल्द शासनादेश जारी किए जाएं।

समिति के चरणबद्ध आंदोलन के तहत छह सितंबर से 19 सितंबर तक सभी जिलों में गेट मीटिंग और जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। 20 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना-प्रर्दशन किया जाएगा। इसके बाद 27 सितंबर को देहरादून में सहस्त्रधारा रोड एकता विहार स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना-प्रर्दशन किया जाएगा। इसके बाद पांच अक्तूबर को देहरादून में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली का आयोजन किया जाएगा। उसी दिन आगामी अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

Amit Amoli

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *