चुनावी साल में चांद-तारों तक पहुंचे वादे, पुरानी पेंशन पर सन्नाटा
ऋषिकेश। चुनावी साल में राजनीतिक दलों के वादे चांद-तारे तोड़ने की हद तक पहुंच रहे हैं। मगर, सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन पर हर कोई चुप्पी साधे हुए है। पुरानी पेंशन बहाली पर राजनीतिक दलों की चुप्पी हैरान करने वाली है।
सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों से 2004 के बाद सेवानिवृत्त होने के उपरांत पेंशन के रूप में मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा छीन ली गई है। इसके बदले एनपीएस लागू किया गया है। देश के सरकारी शिक्षक/कर्मचारी इसे धोखा बता रहे हैं और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं।
इन दिनों उत्तराखंड समेत देश में विभिन्न राज्य चुनाव मोड में हैं। चुनावी साल में विभिन्न राजनीतिक दल लोगों के लिए चांद-तारे तोड़े का वादा कर रहे हैं। हर कोई वोट के लिए विभिन्न वर्गों को ललचा रहा है। उनकी मांगों की पैरवी कर रहा है। मगर, पुरानी पेंशन के मामले में सत्ता पक्ष चुप्पी साधे हुए है।
विपक्ष इस मामले को सतही तौर पर ले रहा है। उत्तर प्रदेश में तो अधिकारी शिक्षक/कर्मचारियों को एनपीएस की विशेषताओं को बताने का अभियान चलाने की तैयारी में हैं। राजनीतिक दलों के इस रवैए को देख हर कोई हैरान है।