भाजपा नेता रविंद्र राणा पड़े सब पर भारी, जिलाध्यक्ष पद पर ताजपोशी की इनसाइड स्टोरी
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। भाजपा के संगठनात्मक जिले ऋषिकेश के अध्यक्ष पद के लिए रविंद्र राणा सब पर भारी पड़े। इस पद के लिए कई स्तर से लगे पेंच के बावजूद पार्टी ने जिलाध्यक्ष पद पर उनकी ताजपोशी कर दी।
करीब पांच साल पहले भाजपा ने ऋषिकेश संगठात्मक जिले को समाप्त कर दिया था। एक बार फिर से संगठन ने इसे जिले को पुर्नजीवित कर दिया है। करीब पांच साल बाद फिर से सक्रिय जिले के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी की इन साइड स्टोरी काफी रोचक है।
दरअसल, इस पद पर कुछ खास चेहरों में से किसी को बिठाने के लिए पहले देहरादून और फिर दिल्ली तक एडवोकेसी की गई। इसमें भाजपा नेता रविंद्र राणा का नाम दूर-दूर तक नहीं था। हां, स्थानीय स्तर पर उन्हें जिलाध्यक्ष का मजबूत दावेदार माना जा रहा था।
बहरहाल, संगठन तक तमाम बातें पहुंचाई गई। इन बातों पर संगठन भी अपने स्तर से फीडबैक लेता रहा। हर बात में राजनीति सामने आई और एडवोकेसी करने वाले झूठे साबित होते रहे। इसके बाद पार्टी के दिग्गज नेता और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया तो रविंद्र राणा का नाम तेजी से उभरा।
ये बात सामने आते ही अध्यक्ष पद के लिए खास चेहरों की एडवोकेसी कर रहे नेता ने दूसरे तरीके से बात आगे बढ़ाई। मगर, तक तक रविंद्र राणा के पक्ष में माहौल तैयार हो चुका था। रविंद्र राणा का अच्छा व्यवहार, संगठन के प्रति निष्ठा, सबको साथ लेकर चलने का हुनर ने उनके पक्ष में संगठन को मुहर लगाने का मजबूर कर दिया। इस तरह से रविंद्र राणा ऋषिकेश के तीसरे जिलाध्यक्ष बनने में सफल रहे।
खास बात ये है कि आम लोग और पार्टी के अधिसंख्य कार्यकर्ता उनकी ताजपोशी के पीछे किसी खास नेता का हाथ मान रहे हैं। अब ऐसा भ्रम भी फैलाया जा रहा है। सच ये है कि उक्त नेता ने आखिरी तक भी उनके नाम की एडवोकेसी नहीं की। रविंद्र राणा कार्यकर्ताओं के फीडबैक और पार्टी में उनके अच्छे रिकॉर्ड की वजह से जिलाध्यक्ष बनें।