शिक्षिका शीतल रावत को निलंबित करने का ठोस आधार नहीं

विभागीय अधिकारियों को जवाब देना पड़ेगा भारी
तीर्थ चेतना न्यूज
पौड़ी। थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी की शिक्षिका शीतल रावत के निलंबन का मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जवाब देना भारी पड़ेगा। वजह निलंबन का दूर-दूर तक कोई ठोस आधार नहीं है।
ये बात साफ हो गई है कि शिक्षिका शीतल रावत विभागीय कार्य से गई थी। विभागीय कार्य में उसकी उपस्थिति सत्यापित है। स्कूल में गांव की युवती को भी एसएमसी और ग्रामीणों के प्रस्ताव पर रखा गया था। ऐसे में सीईओ के औचक निरीक्षण में उक्त सभी बातों का उभरना। 20 सितंबर को डिप्टी ईओ को जांच सौंपना और बगैर जांच के ही 21 सितंबर को शिक्षिका को निलंबित करना समझ से परे हैं।
छात्र हित में रखी गई गांव युवती को भुर्त्या (प्रॉक्सी) शिक्षक साबित करने के प्रयास भारी पढ़ सकते हैं। इसको लेकर शिक्षक समाज में खासी नाराजगी है। इस मामले में पहले पहल मीडिया में अधिकारियों के जरिए आई बात और हकीकत में जमीन आसमान का अंतर दिख रहा है।
इस मामले में हुआ मीडिया ट्रायल भी ये दिखाता है कि निरीक्षण का उददेश्य बेहतरी के बजाए हो हल्ला करना रह गया है। इसका लेकर अभी शिक्षक/शिक्षिकाएं मुखर होने लगे हैं। तमाम बातें सामने आ रही हैं। कुल मिलाकर शिक्षिका शीतल रावत के निलंबन का कोई ठोस आधार दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है।
विभागीय अधिकारियों को इस पर जवाब देना भारी पड़ेगा। शिक्षक/शिक्षिकाएं इस मामले पर जरूर रिएक्ट करेंगे। पब्लिक डोमेन में भी ये मामला तेजी से वायरल हुआ है। शिक्षिका की स्कूल के प्रति कटिबद्धता के पक्ष में भी लोग बोलने लगे हैं।