राष्ट्रीय विज्ञान दिवसःगवर्नमेंट कॉलेज नरेंद्रनगर और गोपेश्वर का संयुक्त राष्ट्रीय वेबिनार

नरेंद्रनगर/गोपेश्वर। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, नरेंद्रनगर और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, गोपेश्वर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में भविष्य की बेहतरी में विज्ञान के सतत अनुप्रयोग पर विचार रखे।
इंटीग्रेटेड एप्रोच इंन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनबल फ्यूचर थी पर आयोजित वेबिनार का शुभारंभ समन्वय डॉक्टर रश्मि उनियाल द्वारा स्वागत ज्ञापन के साथ हुआ। डॉक्टर उनियाल ने कहा कि यह तकनीकी का ही करिश्मा है कि उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे छात्र भी इस वेबिनार के माध्यम सेराष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों सेविभिन्न श्रोताओं के विचार सुन पाएंगेऔरनिश्चय ही उससे लाभान्वित होंगे।
भारतीय ताराभौतिकी संस्थान(आईआईए),बेंगलुरुके वैज्ञानिक डॉक्टर एम सी कार्तिक ने ब्रह्मांड में तारों की गतिऔर उनसे संबंधित विभिन्न तथ्यों कोरोचक तरीके से प्रस्तुत किया। साथ ही युवाओं के लिए एस्ट्रो फिजिक्स में शोध की विभिन्न संभावनाओं की भी विस्तार से जानकारी दी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टीआर शेषाद्री ने ऐस्ट्रोफिज़िक्स की दुनिया में हुई कुछ अकस्मात किंतु अतिमहत्वपूर्ण खोजों के बारे में जानकारी दी।और साथ ही विद्यार्थियों को सतत् परिश्रम के लिए प्रेरित किया।
प्रख्यात इकोलॉजिस्ट प्रोफेसर जीएस रजवार ने अपने वक्तव्य में उत्तराखंड में युवाओं के लिए स्वरोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार न सिर्फ स्वयं के बल्कि प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए बुनियादी जरूरत है।
धर्मानन्द उनियाल, राजकीय महाविध्यालय नरेंद्र नगर के बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र शिव गांगुली तथा द्वितीय वर्ष के छात्र गुरप्रीत सिंह द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक स्वनिर्मित एप्लिकेशन का भी प्रदर्शन किया गया। इस एप्लिकेशन के निर्माण के लिए इन छात्रों ने पाइथन कंप्यूटर भाषा का प्रयोग किया है। छात्रों को उपस्थित अतिथियों ने खूब सराहा और एप्लिकेशन को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
एरीज वैज्ञानिक डॉ. नीलम पवार ने एस्ट्रोनॉमी के एक विषय के रूप में विकास और उसके साथ ही मानव के विज्ञान की समझ के विकास क्रम पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने बताया किस प्रकार विज्ञान व्यक्तिगत, संस्थागत, राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर विकास के लिए आधारभूत है।
इथोयोपिया के एसोसिएट प्रोफेसर डा.विनोद कुमार ने सतत ऊर्जा के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा के प्रयोग की दिशा में विभिन्न सोलर सेल डिवाइसेस के निर्माण और उनसे संबंधित भौतिकी पर महत्वपूर्ण तथ्यों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया।
सीएसआईआर-एएमपीआरआइ भोपाल के वैज्ञानिक डा. तिलक जोशी ने अपने संस्थान के परिचय के साथ यह बताया कि सीएसआईआर-एएमपीआरआइ के मुख्य उद्देश्यों में विज्ञान के प्रति जागरूकता को जनमानस में फैलाने के साथ ही उनके जीवन स्तर को उठाने का प्रयास करना भी है। डॉक्टर जोशी ने इंडस्ट्रियल प्रयोग के लिए विभिन्न ऊर्जा अवशोषित मेटल्स के निर्माण एवं अनुप्रयोग की विस्तृत जानकारी दी।
अंत में डॉ दिनेश चंद्र सती ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। वेबिनार में दोनों संस्थानों के प्राध्यापक तथा विद्यार्थियों के साथ ही विभिन्न शोध संस्थानों से शोधार्थी भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम संपादित करने के लिए बनी कमिटी में डॉक्टर रश्मि उनियाल, समन्वयक, डॉक्टर प्रियंका उनियाल, सह समन्वयक तथा डॉक्टर दिनेश चंद्र सती ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी के रूप में सक्रिय रूप से कार्यरत रहे।