ऋषिकेश नगर निगम को फ्लोटिंग पापुलेशन से जोड़कर देखने की जरूरत

ऋषिकेश। इन दिनों ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या उसकी वास्तविक जनसंख्या के दुगनी होगी। ऐसा चारधाम यात्रा की वजह से है। यानि ऋषिकेश नगर निगम की जनसंख्या का मूल्यांकन फ्लोटिंग पापुलेशन से इत्तर नहीं किया जा सकता।
दरअसल, ये बात सामने आ रही है कि ऋषिकेश नगर निगम का ़त्रैमासिक बजट का न बढ़ने की एक वजह जनसंख्या का कम होना भी है। ऐसा अधिक बजट पाने वाले नगर निगक तुलना में कहा जा रहा है। जिस नगर निगम का हवाला मीडिया में दिया गया है उसकी ऋषिकेश नगर निगम से तुलना दूर-दूर तक नहीं हो सकती। वजह ऋषिकेश में फ्लोटिंग पापुलेशन उसकी वास्तविक पापुलेशन से अधिक होती है।
इन दिनों चारधाम यात्रा और फिर कांवड़ यात्रा में इसे देखा और महसूस किया जा सकता है। इसके अलावा ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में 12 माह का पर्यटन और तीर्थाटन है। सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार ने बजट आवंटन में इस तथ्य की अनदेखी की।
यदि ऐसा है तो सरकार चारधाम यात्रा को लेकर जो दावे कर रही है उसका क्या। कर संग्रह न्यून होना अधिकारियों की लापरवाही है। निगम आयुक्त को इस पर जवाब देना होगा। निगम बोर्ड से अधिक ये मामला राज्य सरकार का है। आयुक्त समेत तमाम जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति प्राधिकारी शासन ही है।
साथ ही कर में छूट की राजनीति किस-किस के स्तर पर हुई इस पर भी गौर किया जाना चाहिए। नगर निगम का क्षेत्रफल पूरी तरह से शासन का विषय है। ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में दो-दो रेलवे स्टेशन हैं। बजट में इसका भी कोई फायदा ऋषिकेश को नहीं मिला।
बजट को लेकर किसे ने किसी को भ्रमित किया हो ऐसा दूर-दूर तक नहीं दिखता। सच ये है कि ऋषिकेश का त्रैमासिक बजट में गत के मुकाबले एक धेला भी नहीं बढ़ा। ऐसा सबको अच्छे से दिख रहा है।
इस सारे मामले को लेकर नगर निगम का पक्ष जानने के लिए नगर आयुक्त जीसी गुणवंत से फोन पर कई बार प्रयास किया गया। मगर, फोन नहीं उठा। निगम का पक्ष मिलने पर उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।