मॉडल स्कूलों को भूला शिक्षा विभाग, फंसा हुआ महसूस कर रहे शिक्षक
पौड़ी। कांग्रेस शासन में अस्तित्व में आए मॉडल स्कूलों को अब शिक्षा विभाग ने भुलाना शुरू कर दिया है। परिणाम यहां खास प्रक्रिया के तहत आए शिक्षक स्वयं को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेस शासन में प्रत्येक ब्लॉक में पांच मॉडल स्कूल खुले थे। इसमें दो इंटर कालेज, दो प्राथमिक और एक जूनियर स्कूल शामिल था। चिन्हित मॉडल स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को साक्षात्कार के माध्यम से भरा गया। इसके लिए नियमावली भी बनी।
प्राथमिक स्तर के मॉडल स्कूल तो चलते दिख रहे हैं। मगर, मॉडल इंटर कॉलेज में उत्साह नहीं है। यहां साक्षात्कार के माध्यम से आए शिक्षक स्वयं को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। अपने मूल विद्यालय या उसी श्रेणी के स्कूल में वापस जाने के लिए शिक्षक विभागीय अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
विभागीय अधिकारी हैं कि ऐसे शिक्षकों के आवेदन पर गौर करने तक को तैयार नहीं हैं। मॉडल इंटर कालेजों में साक्षात्कार से आए शिक्षकों की सुनवाई न होने से अब अटल उत्कृष्ट स्कूलों में लिखित परीक्षा से आए शिक्षक भी आशंकित हैं। जैसा हो हल्ला इन दिन अटल उत्कृष्ट स्कूलों का है वैसा ही कभी मॉडल स्कूलों को लेकर भी होता था।
ऐसे में कब कुछ और प्रकार के स्कूल सामने आ जाएं कहा नहीं जा सकता। हां, शिक्षक काफी कुछ देख और समझ चुके हैं।