पेयजल लाइन निर्माण में एजेंसी की मनमानी पर भड़की मेयर
ऋषिकेश। नगर निगम के विभिन्न वार्डों में पेयजल लाइन निर्माण में हो रही मानकों की अनदेखी पर मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्माण एजेंसी को दो टूक कहा कि अनुबंध का उल्लंघन हुआ पाया गया तो कानूनी कार्रवाई होगी।
उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा नगर निगम के विभिन्न वार्डों में पेयजल योजनाओं के नाम पर गलियों की जगह जगह की जा रही खुदाई पर महापौर अनिता ममगाई ने गहरा आक्रोश जताते हुए निगम के साथ पूर्व में हुए अनुबंध को निरस्त कर दिया है।
निगम में पार्षदों एवं जल संस्थान के अधिकारियों की बैठक में महापौर ने जल संस्थान के अधिकारियों को अनुबंध के खिलाफ जाकर शहर को बदसूरत बनाने पर जमकर लताड़ लगाई।
मेयर ने सख्त कदम उठाते हुए निगम के साथ जल संस्थान के हुए अनुबंध को भी निरस्त कर दिया।महापौर ने पाईप लाईन बिछाने के.लिए लोगों के घरों के गेट पर की गई तोड़फोड़ पर नाराजगी जताते हुए इसकी छति पूर्ति की बात कही।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब आगे जो भी कारवाई होगी वो निगम के नवीन अनुबंध के हिसाब से होगी।जिसमें कार्यदायी संस्था के ठेकेदार को निगम पार्षदों को साथ लेकर ही योजना को अंजाम देना होगा। यदि जल संस्थान के अधिकारियों द्वारा अनुबंध के खिलाफ जाकर गलियों की खुदाई कराई गई तो वह उनके खिलाफ एफ आर आई दर्ज कराने में भी गुरेज़ नही करेंगी।
मेयर ने जानकारी देते हुए बताया कि जल संस्थान के ठेकदार द्वारा चेतावनी के बावजूद निगम से हुए अनुबंधों के खिलाफ जाकर गलियों की खुदाई की जा रही थी जिससे को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अनेकों मर्तबा चेतावनी देने के बाद निगम को इस कारवाई के लिए बाध्य होना पड़ा है।
बैठक मे मुख्य नगर आयुक्त गिरीश गुणवंत, अधिशासी अभियंता विनोद जोशी, जल संस्थान से अधिशासी अभियंता राजेंद्र पाल, सहायक अभियंता ए वी एस रावत, अवर सहायक अभियंता मनोज डबराल, पार्षद विपिन पंथ, विजय बडोनी, लक्ष्मी रावत, जयेश राणा, मनीष बनवाल, गुरविंदर सिंह, विजेंद्र मोगा, वीरेंद्र रमोला आदि मोजूद रहे।