राजनीतिक दलों के मीडिया प्रबंधन की हवा निकाल रहे स्थानीय पत्रकार
देहरादून। स्थानीय पत्रकार, छोटे अखबार और न्यूज पोर्टल राजनीतिक दलों के मीडिया प्रबंधन की जमकर हवा निकाल रहे हैं। मीडिया के माध्यम से असली मुददों को दबाने की राजनीतिक दलों की चाल काम नहीं आ रही है।
पिछले कुछ सालों से ये देखा जा रहा है कि राजनीतिक दल बड़े चैनलां और अखबारों को चुनाव में मैनेज कर देते हैं। परिणाम राज्य के असली सवालों का दबा दिया जाता है। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में इन दिनों भी दिख रहा है। मगर, इस बार छोटे अखबार और न्यूज पोर्टल राजनीतिक दलों के मीडिया प्रबंधन का खेल को बिगाड़ रहे हैं।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय पत्रकार छोटे अखबारों और न्यूज पोर्टल के माध्यम से मुददों को उठा रहे हैं। इससे चुनाव लड़ रहे बड़े राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और उनके समर्थक असहज हो रहे हैं। विकास की झूठी तस्वीर लोग जान पा रहे हैं।
साढ़े चार साल के कार्यकाल को छिपाकर सिर्फ छह माह के कार्यकाल की बातें की जा रही हैं। ऐसा बड़े मीडिया तंत्र के माध्यम से किया जा रहा है। आयाराम गयाराम और टिकटों की खरीदफरोख्त की बातों को भी मीडिया से एक तरह से वॉश करने में राजनीतिक दल सफल रहे हैं।
हां, स्थानीय स्तर पर पत्रकार खबरों के माध्यम से इस पर न केवल रिएक्ट कर रहे हैं। बल्कि जनता तक उत्तराखंड के असली मुददों को दबाने के खेल को जनता तक पहुंचा रहे हैं।