उत्तराखंड का नौकरी घोटालाः चुप-चुप बैठे हो जरूर कोई बात है
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। उत्तराखंड में हुए सरकार नौकरी घोटाले में अभी तक सफेदपोशों में सिरहन पैदा नहीं हुई है। घोटाले पर तकनीकी चुप्पी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग कहने लगे हैं कि चुप-चुप बैठे हो जरूर कोई बात है।
उत्तराखंड की धामी सरकार बार-बार कह रही है कि यूकेएसएसएससी के पेपर लीक मामले का कोई दोषी छोड़ा नहीं जाएगा। एसटीएफ इस पर सही दिशा में जांच कर रही है। 22 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। मगर, आम लोगों में इस एक्शन से खास संतुष्टि नहीं है। आम जन के मन में हद स्तर का अविश्वास पैदा हो गया है।
लोग हाकम सिंह से आगे की बात जानना चाहते हैं। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर राज्य में सरकारी नौकरी की दुकानों के संचालक कौन-कौन हैं। दरअसल, यूकेएसएसएससी के बहाने बात लोक सेवा आयोग और अन्य एजेंसियों से कराई गई भर्ती परीक्षा तक भी पहुंच गई है।
हालांकि सवाल सालों से उठते रहे हैं। शिकायतें भी हुई हैं। कुछ खास लोगों के चयन को लेकर कानाफूसी भी होती रहे हैं। मगर, सिस्टम ने कभी गौर नहीं किया।
अब पूरी अनियमितताएं सरकारी नौकरी घोटाले के रूप में सामने हैं। इस मामले में सफेदपोश खास रिएक्ट नहीं कर रहे हैं। सत्ता पक्ष शासकीय भाषा तो विपक्ष तकनीकी अंदाज में रिएक्ट कर रहा है। परिणाम तमाम हो हल्ले के बावजूद सरकारी नौकरी घोटाला मुददा नहीं बन पा रहा है। यही वजह है कि जागरूक लोग सफेदपोशों को लेकर सवाल करने लगे हैं कि चुप-चुप बैठे हो जरूर कोई बात है।