सड़कों की खोदा-खादी हो रही है तो समझो चुनाव आ गया
ऋषिकेश। चुनावी साल में विकास को दिखाने के लिए सड़कों की खोदा-खादी और बनाने का उपक्रम तेजी से हो रहा है तो समझो चुनाव आ गया है। ऐसा ही कुछ विकास कार्यों की घोषणाओं को लेकर भी है।
21 सालों में उत्तराखंड की सत्ता ने विकास की नई परिभाषा गढ़ दी है। राज्य में सरकार पांचवे साल में ही महसूस होती है। शेष चार साल सरकार किसके लिए होती है ये अब राज्य को बच्चा-बच्चा समझने लगा है। विकास की घोषणाएं होती हैं और विकास आपके आस-पास दिखता है।
शहर, कस्बा और गांवों की सड़कों में खोदा-खोदी शुरू हो गई है। सड़क बनाने का उपक्रम तेजी से हो रहे हैं। अब राज्य के लोग समझ लेते हैं कि चुनाव नजदीक हैं। नेता जी बोलने के बजाए सड़क खोदकर नई बनाने का उपक्रम कर क्षेत्र में विकास को दिखाना चाहते हैं।
चारों ओर विकास होता दिखता है। इस विकास की मियाद चुनाव आचार संहिता तक होती है। ऐसा ही कुछ चुनावी साल में हो रही घोषणाओं की होती है। जनप्रतिनिधि और उनके समर्थक सैद्धांतिक स्वीकृत की बात पर ज्यादा जोर देते हैं।
विकास का सर्वे, जीओ की प्रति क्षेत्र में खूब लहराई जा रही हैं। कई प्रतियां तो पिछले चुनाव की हैं। इस बार भी ताजी दिखाने के प्रयास हो रहे हैं।