गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज गुप्तकाशी में जलावायु परिवर्तन पर गोष्ठी

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज गुप्तकाशी में जलावायु परिवर्तन पर गोष्ठी
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तीर्थ चेतना न्यूज

गुप्तकाशी। उत्तराखंड में जी-20 के प्रस्तावित कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उददेश्य से गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, गुप्तकाशी में ‘जलवायु परिवर्तन आयाम और परिणाम’ विषयक एकदिवसीय विचार-गोष्ठी आयोजित की गई।

कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. प्रो पी.एस.जंगवाण के निर्देशन में आयोजित विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता डा आजाद सिंह ने जलवायु परिवर्तन के कारण,परिणाम और उनके निदान हेतु विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि किसी क्षेत्र विशेष के औसत मौसम में परिवर्तन आता है तो उसे जलवायु परिवर्तन कहते हैं।

जलवायु परिवर्तन को किसी एक स्थान विशेष में भी महसूस किया जा सकता है एवं संपूर्ण विश्व में भी। यदि वर्तमान संदर्भ में बात करें तो यह इसका प्रभाव लगभग संपूर्ण विश्व में देखने को मिल रहा है। पृथ्वी का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है।

पृथ्वी का तापमान बीते 100 वर्षों में 1 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ गया है। पृथ्वी के तापमान में यह परिवर्तन संख्या की दृष्टि से काफी कम हो सकता है, परंतु इस प्रकार के किसी भी परिवर्तन का मानव जाति पर बड़ा असर हो सकता है। भारत में जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप गन्ना, मक्का, ज्वार, बाजरा तथा रागी जैसी फसलों की उत्पादकता दर में वृद्धि होगी जबकि इसके विपरीत मुख्य फसलों जैसे गेहूँ, धान तथा जौ की उपज में गिरावट दर्ज होगी।

आलू के उत्पादन में भी अभूतपूर्व गिरावट दर्ज होगी। डा मोनिका ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की योजना को छात्रों के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना का शुभारंभ वर्ष 2008 में किया गया था। इसका उद्देश्य जनता के प्रतिनिधियों, सरकार की विभिन्न एजेंसियों, वैज्ञानिकों, उद्योग और समुदायों को जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे और इससे मुकाबला करने के उपायों के बारे में जागरूक करना है।

इस कार्ययोजना में राष्ट्रीय सौर मिशन, विकसित ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन, सुस्थिर निवास पर राष्ट्रीय मिशन, राष्ट्रीय जल मिशन, सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन, हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन आदि मिशन शामिल हैं। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्रा अनुजा, अनामिका, रोशनी आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। विचार गोष्ठी में में डा योगिशा, डा अनुराग भण्डारी, डा चिन्तामणि, डा गणेश भागवत सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डा नीतू थपलियाल ने किया।

Tirth Chetna

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