गैरसैंण में लगा राजनीतिक मेला

गैरसैंण में लगा राजनीतिक मेला
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पांच दिन बाद फिर से पसर जाएगा सन्नाटा

तीर्थ चेतना न्यूज

गैरसैंण। गैरसैंण में एक बार फिर से राजनीतिक मेला लग गया। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मेला पांच-छह दिनों तक चलेगा। दो साल बाद लग रहे इस मेले के प्रति अब स्थानीय लोगों में खास रूचि नहीं दिख रही है।

राज्य की राजधानी गैरसैंण में हो। ये जनभावना है। हालांकि वोट के रूप में ऐसा कभी नहीं झलका। यही वजह है कि गैरसैंण के साथ 22 सालों से राजनीतिक ठगी हो रही है। पूरी राजधानी के बजाए इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बताया जा रहा है। हालांकि सरकारें गर्मी में कभी गैरसैंण में नहीं बैठती।

बहरहाल, दो साल के बाद गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र आहूत किया गया है। इसके लिए 12 मार्च से यहां राजनीतिक मेला लगने लगा हैै। राजनीतिक मेले को लेकर जो उत्साह दो साल पूर्व देखा गया था वैसा इस बार नहीं दिख रहा है। कम से कम स्थानीय लोगों में इसको लेकर खास रूचि नहीं है।

दरअसल, लोगों को पता है कि पांच दिनों के बाद यहां फिर से पहले जैसा सन्नाटा पसर जाएगा। हर बार के राजनीतिक आयोजनों के बाद यहां ऐसा ही होता है। हां, 2021 की तरह इस बार भी सत्ता के खिलाफ विभिन्न संगठनों में गुस्सा है। विपक्ष तमाम मुददों पर सदन के अंदर और सदन के बाहर सरकार को घेरने के लिए गैरसैंण पहुंच चुका है।

विधानसभा परिसर के आस-पास तक भी आंदोलन की आवाज न पहुंच सके इसके लिए प्रशासन ने खासे इंतजाम किए हैं। दीवालीखाल से नजर रखी जा रही है। धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रशासन के इस तरह की तमाम एक्सरसाइज के बावजूद लोगों में अब सत्र को लेकर भी खास उत्साह नहीं दिख रहा है।

लोगों को मालूम है कि सभी धाणी देहरादून में ही है। गैरसैंण का तो सिर्फ नाम ही लेना है। इसी से काम चल जाता है।

Tirth Chetna

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