म्ंगला माता एवं महंत देवेंद्र दास को डी.लिट की उपाधि देगा दून विश्वविद्यालय
देहरादून। दून विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में समाज सेवा के कार्यों में लीन हंस फाउंडेशन की मंगला माता और श्री गुरू राम राय दरबार के महंत देवेंद्र दास को डी.लिट की मानक उपाधि से नावाजा जाएगा।
15 दिसंबर को दून विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह प्रस्तावित है। इसकी तैयारियां जोरों पर है। विश्वविद्यालय ने सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए मंगला माता एवं महंत देवेंद्र दास को डी-लिट की मानक उपाधि से अलंकृत करने का निर्णय लिया है।
विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में 2017, 2018, 2019 तथा 2020 के स्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थियों को कुलाधिपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता में उपाधियां प्रदान की जाएंगी. साथ ही पिछले चार वर्षों के विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक के विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित भी किया जाएगा।
इस अवसर में उन सभी शोध विद्यार्थियों को पीएचडी एवं एमफिल की उपाधि प्रदान की जाएगी जिन की मौखिक परीक्षा 30 नवंबर 2021 तक संपन्न हो चुकी है। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक जनकल्याण के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए तथा देश एवं दुनिया में उत्तराखंड को गौरवान्वित करने हेतु हंस फाउंडेशन की मुखिया मंगला माताएवं श्री गुरु राम राय दरबार के महंत श्री देवेंद्र दास जी महाराज को डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा।
कुलपति ने बताया कि द्वितीय दीक्षांत समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहेंगे एवं विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मंगल सिंह मंदरवाल ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 2017 से लेकर 2020 तक उत्तीर्ण हुए स्नातक एवं परास्नातक के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जाएगी जिसके लिए उत्तीर्ण विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दिए गए पंजीकरण के लिंक पर स्वयं को पंजीकृत कर सकते हैं।
दीक्षांत समारोह का आयोजन हाइब्रिड मोड पर किया जाएगा ताकि देहरादून नगर से बाहर रहने वाले विद्यार्थी ऑनलाइन प्रतिभाग कर सकेंगे। कुलसचिव ने बताया कि दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों एवं स्वर्ण पदक विजेताओं को दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले यानी कि 14 दिसंबर को ड्रेस रिहर्सल में प्रतिभाग करना अनिवार्य है।