दून विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोहः में राज्यपाल ने 93 मेधावी छात्रों को गोल्ड मैडल
देहरादून। दून विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के 93 छात्र/छात्राओं को गोल्ड मैडल से नवाजा गया। इसके अलावा हंस फाउंडेशन की मंगला माता और महंत श्री देवेंद्र दास को डी.लिट की उपाधि से नवाजा गया।
बुधवार को दून विश्विद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह की थीम ‘सशक्त नारी ‘ रही। समारोह में विश्विद्यालय के कुलपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, उपकुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने दीक्षांत समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसके बाद समाज सेविका माताश्री मंगला जी एवं महंत श्री देवेन्द्र दस जी को डॉक्टर ऑफ लेटर्स ( डी -लिट) की मानक उपाधि से अलंकृत किया गया। सभी विभागों में स्नातक एवं परस्नताक में वर्ष 2017, 2018, 2019 एवं 2020 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 93 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा स्वर्ण पदक से नवाजा गया।
वहीं कुल 1269 विद्यार्थियों को स्नातक, कुल 802 विद्यार्थियों को परास्नातक, कुल 29 शोधार्थियों को पीएचडी, कुल 2 विद्यार्थियों को एमफिल एवम कुल 2102 विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में उपलब्धि प्रदान की गई। विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह का आयोजन हाइब्रिड मोड पर किया गया ताकि देहरादून नगर से बाहर रहने वाले विद्यार्थी ऑनलाइन प्रतिभाग कर सकेंगे।
समारोह में विश्विद्यालय के कुलपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं को को शुभकामनाएं दी। साथी ही उन्हें अपनी खुशी जाहिर करते बताया की दीक्षांत समारोह की सशक्त महिला सशक्त राष्ट्र की यह थीम आज समारोह में उजागर हुई है।
70 प्रतिशत स्वर्ण पदक महिला छात्र ने अर्जित की है। उन्होंने कहा कि छात्रों को संस्था, राज्य और देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भारत को ’ज्ञान महाशक्ति’ बनाने की जरूरत है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री को धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने सीडीएस स्वर्गीय बिपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 वीर योद्वाओं को याद कर उन्हे श्रद्धांजलि दी।
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह में सम्मिलित होकर एक सुखद एहसास की अनुमति जाहिर की। उन्होंने नई शिक्षा को समक्ष छात्रों के साथ उजागर कर बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गंभीर रूप से कार्य कर रही है तथा सरकार पिछले साढ़े चार साल से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य कर रहे है।
समाज सेविका माताश्री मंगला ने डी लिट की उपाधि प्राप्त करने पर दून विश्विद्यालय का आभार किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बताया किया की हंस फाउंडेशन लगातार महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने सीडीएस स्वर्गीय बिपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 वीर योद्वाओं को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने बताया की हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में 200 स्वास्थ्य वेन चला रही है जिससे पहाड़ की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ में सारी सहायता प्रदान हो। साथ ही उन्होंने स्वर्ण पदक विजेतों को शुभकामनाएं दी।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बताया की विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की थीम इस वर्ष “सशक्त नारी“ है और यह पूरी तरीके से नारी सशक्तिकरण हेतु समर्पित है। उन्होंने मेधावी छात्रों एवं हंस फाउंडेशन की मुखिया माता श्री मंगला एवं गुरु राम राइ दरबार के महंत देवेंद्र दस जी महाराज को डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स (डी.लिट् ) की मानक उपाधि के लिए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने बताया की दून विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह के बैनर, आमंत्रण पत्र में उत्तराखंड की एपंड कला से सृजित किया गया है। उन्होंने बताया की यह समारोह महिलाओं को समर्पित है और दून विश्विद्यालय ने उत्तराखंड की 40 महिलाओं को अपनी ही दून कैंटीन में रोजगार दिया गया है। साथ ही बताया की राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नित्यानंद हिमालय शोध की नीव दून विश्विद्यालय में रखी गई, जहां उत्तराखंड के तमाम शोध किया जाएगा।
इस मौके पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो एस सी पुरोहित, प्रो कुसुम अरुनाचलम, प्रो आरपी ममगईं, प्रो चेतना पोखरियाल, प्रो हर्ष डोभाल, डॉ अरुण कुमार, डॉ नितिन कुमार, डॉ करुणा शर्मा, डॉ राशि मिश्रा, डॉ अर्चना शर्मा और डॉ राजेश भट्ट उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर डी पी त्रिपाठी, प्रोफेसर हेम चन्द्र प्रोफेसर सुनिल जोशी, प्रोफेसर यछ एस रावत, प्रोफेसर अजीत कर्नाटक, प्रोफेसर जे पी पचोरी, प्रोफेसर ओ पी एस नेगी, प्रोफेसर पी डी जुयाल प्रोफेसर एम एस एम रावत, पद्मश्री पी सी शर्म, पद्मश्री डाँ बी के संजय आदि शिक्षा विद् उपस्थित थे।