उत्तराखंड में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, चर्चा शुरू

ऋषिकेश। उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री कौन होगा ? चुनाव परिणाम आने के बाद ये चर्चा तेजी से शुरू हो गई है। करीब आधा दर्जन नामों की चर्चा है। दरअसल, स्पष्ट बहुमत पाने वाली भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे को खटीमा की जनता ने सिरे से नकार दिया।
कौन होगा मुख्यमंत्री? इस सवाल की चिकचिक से निजात पाने के लिए भाजपा ने चुनाव में जाने से पहले मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। उन्हें अच्छे से प्रोजेक्ट भी किया गया। उनके छह माह के काम को त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार साल के कामों से अच्छा बताया गया।
भाजपा के स्टार प्रचारकों ने उन्हें धाकड़ बल्लेबाज,टी-20 का बल्लेबाज और फ्लावर और फायर तक बताया। युवा चेहरे तौर पर भी खूब प्रचारित और प्रसारित किया गया। ये उपमाएं खटीमा के मतदाताओं को पसंद नहीं आई। परिणाम खटीमा के मतदाताओं ने भाजपा के मुख्यमंत्री को करीब सात हजार मतों से हरा दिया।
2012 में भी ठीक ऐसा ही हुआ था। भाजपा तत्कालीन सीएम खंडूड़ी के चेहरे और खंडूड़ी हैं जरूरी के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी। खंडूड़ी कोटद्वार में चुनाव हार गए। खंडूड़ी की हार के बाद भी भाजपा के पास सरकार बनाने का मौका था। मगर, पार्टी खंडूड़ी की हार की सदमे में थी।
बहरहाल, धामी के चुनाव हारने के बाद एक फिर से चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर कौन बनेगा मुख्यमंत्री। क्या खटीमा में हार चुके धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। एक नवनिर्वाचित विधायक ने उनके लिए सीट छोड़ने तक का ऐलान कर दिया। पार्टी हाईकमान तक धामी के नाम की जोरदार पैरवी हो रही है।
इसके अलावा करीब आधा दर्जन दावेदारों के नाम सामने आने लगे हैं। इसमें चौबटटाखाल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत, मसूरी के विधायक गणेश जोशी, नरेंद्रनगर के विधायक सुबोध उनियाल और हरिद्वार के सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक के नाम शामिल हैं। एक बड़े राजनीतिक संदेश के लिए पार्टी महिला विधायक का नाम भी आगे बढ़ाया जा रहा है।