विधानसभा नौकरी घोटाले में उलझी भाजपा
2016-22 के बीच हुई नियुक्तियों के खिलाफ एक्शन करने लगा बैक फायर
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। भाजपा विधानसभा नौकरी घोटाले में बुरी तरह से उलझ गई है। नौकरी घोटाले पर सेलेक्टिव एक्शन पार्टी और सरकार पर बैक फायर साबित हो रहा है।
भाजपा सरकार में मौजूदा वित्त मंत्री एवं चौथी विधानसभ के अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल का डंके की चोट वाला अंदाजा भाजपा का भारी पड़ने लगा है। दरअसल, अग्रवाल ने ही सबसे पहले विधानसभा में लगाई गई नौकरियों को नियमानुसार बताया था। यही नहीं ये भी कहा था किया है तो क्या हुआ।
इसके बाद शुरू हुआ विवाद में मौजूदा स्पीकर ने जांच बिठाई। जांच में अंतरिम विधानसभा से लेकर चौथी विधानसभा में हुई एक-एक नियुक्ति को नियम विरू़द्ध बताया गया। मगर, बाहर का रास्ता सिर्फ तीसरी और चौथी विधानसभा में नौकरी लगे लोगों को दिखाया गया।
इस पर भाजपा ने अपपी पीठ भी थपथापाई। मगर, ये दांव अब उलट पड़ने लगा है। कांग्रेस ने इस मुददा बना दिया है। स्पीकर पर भेदभाव के आरोप लगने लगे हैं। हटाए गए लोग और उनके परिजनों का कहना है कि जब जांच रिपोर्ट में अंतरिम विधानसभा से लेकर चौथी विधानसभा की एक-एक भर्ती नियम विरू़द्ध है तो एक्शन सिर्फ तीसरी और चौथी विधानसभा में नौकरी लगे लोगों पर ही क्यों।
साथ ही सवाल ये भी है कि नौकरी लगे लोगों को सरकार ने हटा दिया और नौकरी लगाने वालों पर एक्शन कब होगा। कांग्रेस नौकरी लगाने वालों के खिलाफ एक्शन की मांग सरकार से कर रही है। यहां तक की तीसरी विधानसभा के अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल खुद इसके लिए आगे आ गए।
कुल मिलाकर भाजपा इस मामले में पूरी तरह से घिर चुकी है। उस पर रोजगार छिनने की तोहमत तो लग ही रही है। साथ ही एक्शन के मामले में भी भेदभाव का आरोप लग रहा है।