आखिर क्यों कटा हिमांशु बिजल्वाण का टिकट जानिए इन साइड स्टोरी
नरेंद्रनगर। नरेंद्रनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हिमांशु बिजल्वाण का टिकट क्यों कटा ? होल्ड, वेट एंड वाच, स्ट्रेटजी और एक्शन तक जानिए इन साइड स्टोरी में।
2017 में कांग्रेस ने युवा नेता हिमांशु बिजल्वाण को नरेंद्रनगर सीट पर चुनाव मैदान में उतारा। हिमांशु चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद बिजल्वाण ने दुगनी ताकत क्षेत्र में लगाई। कांग्रेस संगठन को मजबूत किया। कांग्रेस का झंडा-डंडा घर-घर पहुंचाया। सरकार से टकराए। उत्पीड़न भी झेला।
कार्यकर्ताओं का एकजुट रखते हुए 2022 के चुनाव की तैयारियां शुरू की। हिमांशु बिजल्वाण की संगठन क्षमता, प्रबंधन और सबको साथ लेकर चलने के गुण से कांग्रेस के दिग्गज नेता भी प्रभावित रहे। पार्टी द्वारा दिए गए हर लक्ष्य को उन्होंने हासिल भी किया। ये लक्ष्य भीड़ जुटाने का रहा हो या पार्टी प्रोग्राम को लोगों तक पहुंचाने का।
टिकट के लिए दावेदारी हुई तो हिमांशु बिजल्वाण टॉप में थे। टिकट फाइनल बताया जा रहा था। पार्टी के कई नेता ऐसा कह रहे थे। इस बीच, भाजपा 59 नामों की पहली सूची जारी कर दी। नरेंद्रनगर में भाजपा में बगावत शुरू हुई।
यहीं से हिमांशु बिजल्वाण का टिकट पहले होल्ड हुआ।
यहां से नरेंद्रनगर के टिकट को लेकर दुरभि संधि ने आकार लेना शुरू कर दिया। फिर वेट एंड वाच शुरू हुआ। इसके बाद स्ट्रेटजी के नाम पर नाम नरेंद्रनगर सीट पर दूसरी लिस्ट में भी कोई निर्णय नहीं हो सका। क्षेत्र के कुछ कांग्रेसियों को पार्टी नेताओं की ये स्ट्रेटजी भा गई।
किसी ने दिल्ली पहुंचकर तो किसी ने देहरादून में नारा लगाया कि हम जीताएंगे। इन नारों से स्ट्रेटजी के नाम पर पर नरेंद्रनगर को होल्ड करने वाले दिग्गज नेताओं की तो मानो मुराद पूरी हो गई।
टिकट पर कोई निर्णय न होने से हिमांशु बिजल्वाण के समर्थकों में व्याकुलता देखी गई। एक अच्छे कप्तान की तरह बिजल्वाण हर किसी को ढांढस देते रहे। पार्टी पर भरोसा करने की सीख देते रहे। आखिरकार पार्टी के दिग्गज नेताओं ने स्ट्रेटजी के नाम पर हिमांशु बिजल्वाण का टिकट काट दिया।