गढ़वाल विश्वविद्यालय की स्थापना की अर्द्धशताब्दी

गढ़वाल विश्वविद्यालय की स्थापना की अर्द्धशताब्दी
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स्वर्ण जयंती समारोह में सम्मानित की जाएंगी पांच शख्सियतें

तीर्थ चेतना न्यूज

श्रीनगर। राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में उच्च शिक्षा का उजियारा फैलाने वाला गढ़वाल विश्वविद्यालय 50 साल का हो गया है। इस मौके पर होने वाले स्वर्ण जयंती समारोह में विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर इसकी बेहतरी में योगदान देने वाली पांच शख्सियतों को सम्मानित किया जाएगा।

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह को लेकर गुरूवार को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक की 50 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राज्य विश्वविद्यालय से केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होते हुए गढवाल विश्वविद्यालय लगातार विकसित हो रहा है।

आज विश्वविद्यालय, भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) को साथ लेकर भारतीय ज्ञान परम्परा और हिमालय सांस्कृतिक विरासतों का उच्च शिक्षा में शोध एवं प्रबन्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। वहीं उन्होंने बताया कि 1 दिसम्बर को, विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अह्म योगदान देने वाले पांच शख्सियतों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं उन्होंने बताया कि गढ़वाल विश्वविद्यालय से अध्ययन कर अनेक छात्र आज देश-विदेश में उच्चपदों पर आसीन है जो विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है।

विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती समारोह में ‘योगदान का सम्मान’ के अन्तर्गत कुंज बिहारी नेगी, कृष्णानन्द मैठाणी, वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली, मंजूर अहमद बेग और जगदम्बा प्रसाद रतूड़ी को विश्वविद्यालय स्थापना आन्दोलन में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित करेगा, वहीं विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर अपने-अपने क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय ‘उपलब्धियों का सम्मान’ शीर्षक के अन्तर्गत सम्मानित करेगा।

स्वर्ण जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय ने पांच विशिष्टि व्यक्तित्व, गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र-रियर एडमिरल ओम प्रकाश सिंह राणा (सेवानिवृत) पूर्व महानिदेशक नेवल आरमामेंट इन्स्पेक्शन एवं पूर्व जनरल मैनेजर ब्रह्मोस ऐरोस्पेस, डॉ राजेन्द्र डोभाल, कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय एवं पूर्व महानिदेशक यूकोस्ट, डॉ सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.वी.पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, प्रो. वजीर सिंह लाकरा, पूर्व कुलपति एवं निदेशक आई.सी.ए.आर. केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुम्बई और डॉ रेखा उनियाल, संस्थापिका एवं प्रधानचार्य रेनबो पब्लिक स्कूल, श्रीनगर को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो आर सी भट्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय जहां शिक्षा के क्षेत्र में एनईपी के तहत नये-नये पाठयक्रमों का शुरू कर रहा है वहीं विश्वविद्यालय केन्द्रीय संस्थान के रूप में आज देश के सभी छात्र-छात्राओं को अपने सुन्दर परिसरों और अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से आकर्षित कर रहा है।

इस अवसर पर स्वर्ण जयंती समारोह के समन्वयक प्रो वाई पी रैवानी ने बताया कि स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमत्रीं पुष्कर सिंह धामी ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित करेगें तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय विधायक विनोद कण्डारी समारोह में शिरकत करेंगें साथ ही नार्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी, सिक्किम तथा मणिपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यक्रम में मौजूद रहेगें।

आईक्यूएसी के निदेशक प्रो आर सी सुन्दरियाल ने बताया कि समारोह के दूसरे चरण में भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) के अतंर्गत आने वाले सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति और प्रतिनिधि बैठक में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं पर एमओयू करेगें साथ ही आईएचसीयूसी की इस संगोष्ठी में जी बी पंत संस्थान अल्मोड़ा को नये सदस्य बनाने के रूप में एमओयू भी होगा।

इस अवसर पर स्वर्ण जंयती समारोह के मीडिया समन्वयक प्रो एम एम सेमवाल ने पत्रकारों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा बताई तथा कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए आन्दोलन से लेकर अब तक की स्वर्णिम यात्रा को लेकर एक डॉक्यूमेन्ट्री का प्रदर्शन भी किया जायेगा। इस अवसर पर डॉक्टर सर्वेश उनियाल, विजयानंद बहुगुणा , महेश डोभाल आदि उपस्थित थे।

Tirth Chetna

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